Dhanu Sankranti 2025 Date: धनु संक्रांति कब है? जानें स्नान-दान का महत्व और पूजा की सही विधि
punjabkesari.in Monday, Dec 15, 2025 - 08:12 AM (IST)
Dhanu Sankranti 2025: धनु संक्रांति हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह संक्रांति सूर्यदेव के वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करने पर मनाई जाती है। वर्ष के अंतिम चरण में आने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह समय आत्मशुद्धि, पुण्य संचय और सकारात्मक ऊर्जा के लिए श्रेष्ठ माना गया है।

Dhanu Sankranti Date 2025 धनु संक्रांति 2025 की तिथि
वर्ष 2025 में धनु संक्रांति 16 दिसंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्यदेव धनु राशि में प्रवेश करेंगे, जिसे ज्योतिष और धर्म दोनों दृष्टियों से शुभ संयोग माना गया है।
धनु संक्रांति का धार्मिक महत्व
धनु संक्रांति का संबंध सूर्य उपासना, तप, दान और साधना से है। शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि इस दिन किया गया स्नान, जप और दान व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और पुण्य में वृद्धि करता है।
मान्यता है कि धनु संक्रांति पर सूर्यदेव की आराधना करने से आत्मबल बढ़ता है। मानसिक शांति प्राप्त होती है। आने वाले समय में शुभता बनी रहती है।

Dhanu Sankranti Snan Significance धनु संक्रांति पर स्नान का आध्यात्मिक महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, धनु संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में किया गया स्नान विशेष फलदायी माना गया है। सूर्योदय के समय स्नान करने से व्यक्ति के पूर्व जन्मों के पाप शांत होते हैं और मन की अशुद्धियां दूर होती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मानसिक बोझ कम होता है। नकारात्मक विचारों का नाश होता है। साधक सात्विक और शांत अनुभव करता है। यदि नदी में स्नान संभव न हो, तो घर पर स्नान के जल में गंगाजल या तिल मिलाकर स्नान करना भी पुण्यकारी माना गया है।
Dhanu Sankranti Puja Vidhi धनु संक्रांति पूजा विधि
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
सूर्यदेव को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें।
“ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।
सूर्य नमस्कार करें।
दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों की सहायता करें।
इस विधि से की गई पूजा से मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है।
स्नान के साथ दान-पुण्य का विशेष फल
धनु संक्रांति पर दान को अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन किया गया दान अनेक गुना फल प्रदान करता है। इस दिन विशेष रूप से अन्नदान, वस्त्रदान, तिलदान, गुड़ और कच्चे अन्न का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। तिल का दान खास महत्व रखता है, क्योंकि तिल को शुद्धि और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक माना गया है।
सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक संतुलन का पर्व
धनु संक्रांति केवल स्नान और दान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति का महत्वपूर्ण अवसर भी है। इस दिन किया गया
मंत्र जप, ध्यान, सूर्य उपासना, साधक के भीतर सकारात्मक ऊर्जा को जागृत करता है। मान्यता है कि इससे भाग्य का प्रवाह सुधरता है।
बाधाएं दूर होती हैं। स्वास्थ्य और मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है। यह पवित्र समय जीवन को नई दिशा और स्पष्टता प्रदान करता है।
धनु संक्रांति 2025 आत्मशुद्धि, पुण्य अर्जन और आध्यात्मिक उन्नति का श्रेष्ठ अवसर है। इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक किया गया स्नान-दान व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मक परिवर्तन लाता है। सूर्यदेव की कृपा से साधक के जीवन में नई ऊर्जा और शुभता का संचार होता है।

