जानिए, कैसे पड़े साल के 12 महीनों के नाम

punjabkesari.in Monday, Jan 30, 2017 - 11:49 AM (IST)

हमारे जीवन में कैलेंडर की बहुत महत्व है। प्रचलित कैलेंडर वर्ष में 12 महीने होते हैं, जिनके नाम इस प्रकार पड़े हैं-
                                                
जनवरी:वर्ष के पहले महीने जनवरी का नाम रोमन देवता जेनस के नाम पर पड़ा हैं।मान्यता है कि जेनस के दो चेहरे हैं। एक से वह आगे तथा दूसरे से पीछे देखते हैं। इस तरह जनवरी के भी दो चेहरे हैं। एक से वह बीते हुए वर्ष को देखता है तथा दूसरे से अगले वर्ष को। जेनस को लैटिन भाषा में जैनअरिस कहा जाता था जो बाद में जेनुअरी (जनवरी) हो गया।    
                        

फरवरी:इस महीने का संबंध लैटिन के शब्द फैबरा से है। इसका तात्पर्य है शुद्धि की दावत। पहले इस माह में 15 तरीख को लोग शुद्धि की दावत दिया करते थे। कुछ लोग फरवरी नाम का संबंध रोम की एक देवी फेबरएरिया से भी मानते हैं, जो संतानोत्पत्ति की देवी मानी गई है।                

 

मार्च:मार्च महीने का नाम रोमन देवता "मार्स" के नाम पर पडा़ है। रोमन वर्ष का प्रारंभ इसी महीने से होता था। मार्स मार्टिअस का अपभ्रंश है जो आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।शरद ऋतु समाप्त होने पर लोग दुश्मन देश पर आक्रमण करते थे इसलिए इस महीने का मार्च नामकरण हुआ है।             

 

अप्रैल:इस महीने की उत्पति लैटिन शब्द "एस्पेरायर" से हुई है, जिसका भाव है खुलना।रोम में इस माह कलियां खिलकर फूल बनती थी अर्थात बसंत का आगमन होता था।प्रारंभ में इस महीने का नाम एप्रिलिस रखा गया था।    
                                            

मई:रोमन देवता मरकरी की माता "मइया" के नाम पर मई महीने का नामकरण हुआ है। मई नाम की उत्पति लैटिन के "मेजोरेस" शब्द से भी मानी जाती है।    
                        

जून:इस महीने शादी करके लोग घर बसाते थे इसलिए परिवार के लिए उपयोग होने वाले लैटिन शब्द जेन्स के आधार पर जून का नामकरण हुआ है। एक अन्य मतानुसार जून महीने का नाम जीयस देवता की पत्नी जूनो के नाम पर पड़ा माना जाता है।

                                
जुलाई:राजा जूलियस सीजर का जन्म एवं मृत्यु दोनों जुलाई में हुई थी इसलिए इस महीने का नाम जुलाई कर दिया गया।
                                            

अगस्त:जुलियस सीजर के भतीजे आगस्टस सीजर ने अपने नाम को अमर बनाने के लिए सेक्सटिलिस का नाम बदलकर अगस्टस कर दिया जो बाद में केवल अगस्त रह गया।                

 

सितंबर:रोम में सितंबर को सैप्टेंबर कहा जाता था। लैटिन भाषा के शब्द सेप्टै का अर्थ सात एवं बर का अर्थ है वां यानी सेप्टैंबर का मतलब हुआ सातवां किन्तु बाद में यह नौवां महीना बन गया।        

 

अक्टूबर:अक्टूबर महीने का नाम लैटिन भाषा के शब्द "आक्ट" के आधार पर पड़ा है। जिसका अर्थ है आठवां परंतु दसवां महीना होने पर भी इसका नाम अक्टूबर ही चलता आ रहा है।             

 

नवंबर:नवंबर शब्द लैटिन भाषा के शब्द "नोवेम्बर" से बना है। जिस का अर्थ है नौवां पर ग्यारहवां महीना बनने के बावजूद भी इसका नाम नहीं बदला गया।
                        

दिसंबर:लैटिन शब्द "डेसेम" के आधार पर दिसंबर महीने को डेसेंबर कहा गया है। वर्ष का 12वां महीना होने पर भी इसका नाम नहीं बदल सका।                                                      


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