Holashtak 2021: क्यों नहीं करते ‘होलाष्टक’ में शुभ कार्य

punjabkesari.in Monday, Mar 22, 2021 - 09:54 AM (IST)

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Holashtak 2021: फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होलिका दहन तक की अवधि को शास्त्रों में होलाष्टक कहा गया है। इन दिनों किसी भी मांगलिक कार्य का आरंभ शुभ नहीं माना जाता तथा 16 संस्कार भी नहीं किए जाते। ज्योतिष के अनुसार, अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव के हो जाते हैं। इन ग्रहों के निर्बल होने से मानव मस्तिष्क की निर्णय क्षमता क्षीण हो जाती है और इस दौरान गलत फैसले लेने के कारण हानि की संभावना रहती है। 

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What is Holashtak- विज्ञान के अनुसार भी पूर्णिमा के दिन ज्वार भाटा, सुनामी जैसी आपदा आती रहती हैं। ऐसे में सही निर्णय नहीं हो पाता। जिनकी कुंडली में नीच राशि के चंद्रमा, वृश्चिक राशि के जातक या चंद्र छठे या आठवें भाव में हैं उन्हें इन दिनों अधिक सतर्क रहना चाहिए। ये अष्ट ग्रह, दैनिक कार्यों पर विपरीत प्रभाव डालते हैं।

Holashtak Kya Hota ha- इस अवसाद को दूर रखने का उपाय भी ज्योतिष में बताया गया है। इन 8 दिनों में मन में उल्लास लाने और वातावरण को जीवंत बनाने के लिए लाल या गुलाबी रंग का प्रयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है। लाल परिधान मूड को गर्मा देते हैं यानी लाल रंग मन में उत्साह उत्पन्न करता है। इसीलिए उत्तर प्रदेश में आज भी होली का पर्व एक दिन नहीं अपितु 8 दिन मनाया जाता है। 

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Holashtak- कृष्ण जी भी इन 8 दिनों में गोपियों संग होली खेलते रहे हैं और होली में रंगे लाल वस्त्र अग्नि को समर्पित कर दिए जाते थे। अत: होली मनोभावों की अभिव्यक्ति का पर्व है जिसमें भारत की सुंदर संस्कृति है, जब सब भेदभाव मिटा कर एक हो जाते हैं।

Holashtak shubh tithi होलाष्टक रहेगा 21 से 28 मार्च तक
होलिका दहन 28 मार्च, रविवार  की रात्रि 18.37 से 20.56 तक
रंग वाली होली खेलें  29 मार्च को

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Content Writer

Niyati Bhandari

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