हरियाली अमावस्याः जानिए, इस दिन का खास महत्व

punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2019 - 12:07 PM (IST)

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हिंदू पंचांग के अनुसार हरियाली अमावस्या का पर्व कल यानि 1 अगस्त 2019 को मनाया जाएगा। बता दें कि अमावस्या पर्व को हरियाली के आगमन के रूप में मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन वृक्षारोपण का कार्य विशेष रूप से किया जाता है। इस दिन हर किसी को किसी मंदिर या किसी बाहर कहीं एक नया पौधा जरूर लगाना चाहिए। अमावस्या के दिन लोग पीपल के साथ-साथ तुलसी के पेड़ की भी पूजा करते हैं। धार्मिक ग्रंथों में ऐसा बताया गया है कि पेड़-पौधों में भगवान का वास होता है। जैसे पीपल में त्रिदेवों का वास और इसके साथ ही आंवले में भगवान लक्ष्मी नारायण का वास होता है।  
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खास महत्व
अमावस्या के दिन कई शहरों में हरियाली अमावस्या के मेलों का भी आयोजन किया जाता है। इस कृषि उत्सव को सभी समुदायों के लोग आपस में मिलकर मनाते हैं। एक-दूसरे को गुड़ और धानी का प्रसाद देकर मानसून ऋतु की शुभकामना देते हैं। इस दिन अपने हल और कृषि यंत्रों का पूजन करने का रिवाज है। इस पर्व के ठीक 3 दिन बाद हरियाली तीज का पर्व भी आता है।
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शास्त्रों के अनुसार इस तिथि को अपने पितरों की आत्मा को शांति के लिए हवन, पूजा-पाठ व दान-दक्षिणा देने का विशेष महत्व है। सावन की फूल बहार और खुशनुमे पर्यावरण का स्वागत करने के लिए हरियाली अमावस्या को एक पर्व की भांति मनाया जाता है। पीपल तथा आंवले के वृक्ष की इस दिन पूजा कर एक नया वृक्ष लगाने का संकल्प भी किया जाता है।
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हरियाली अमावस्या के दिन उत्तर भारत में मथुरा और वृंदावन के खासकर बांके बिहारी मंदिर एंव द्वारकाधिश मंदिर विशेष पूजा और दर्शन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। शिव मन्दिरों में भी लोग अमावस्या के दिन दर्शन और पवित्र स्नान करने जाते हैं।    


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