महर्षि वेद व्यास को समर्पित है आषाढ़ मास की पूर्णिमा!

punjabkesari.in Saturday, Jul 03, 2021 - 04:24 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
यूं तो प्रत्येक माह में पूर्णिमा तिथि पड़ती है परंतु आषाढ़ मास की पूर्णिमा का अपना अधिक महत्व है। इस पूर्णिमा का गुरु पूर्णिमा व आषाढ़ी पूर्णिमा का नाम से जाना जाता है। जिस कारण इस दिन न केवल दान-पुण्य व स्नान आदि का महत्व होता बल्कि इस दिन गुरु की पूजा का विशेष महत्व है। बता दें इस वर्ष यानि 2021 में गुरु पूर्णिमा का यह पर्व 23 जुलाई, 2021 तिथि के प्रारंभ होने के बाद 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिामा का पर्व महर्षि वेद व्यास जी के सम्मान में मनाया जाता है। 

किंवदंतियों के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि के दिन ही महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। जिस कारण ये दिन इन्हें समर्पित माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि महर्षि वेद व्यास जी ने सनातन धर्म के चार वेदों की व्याख्या की थी। चूंकि इन्होंने पहली बार मानव जाति को चारों वेद का ज्ञान दिया था। इसलिए इन्हें सर्वप्रथम गुरु माना जाता है। इन्हीं के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाली इस पूर्णिमा तिथि को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यहां जानें गुरू पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त आदि- 

गुरु पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त :
23 जुलाई 2021 को प्रात: 10.45 मिनट से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी और 24 जुलाई को प्रात: 08.08 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी।

गुरु पूर्णिमा का शुभ समय :
अमृत काल- सुबह 01:00 बजे से सुबह 02:26 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त- अलसुबह 04:10 मिनट से 04:58 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:02 मिनट से 12:56 मिनट तक रहेगा।

ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इस दिन हर व्यक्ति को अपने गुरु को सम्मान देना चाहिए तथा निम्न मंत्रों का जाप करना चाहिए। 
* ॐ गुं गुरुभ्यो नम:।
* ॐ गुरुभ्यो नम:।
* ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नम:।
 


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Content Writer

Jyoti

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