Guru Purnima 2022: शास्त्रों से जानें, सच्चे गुरु में होते हैं कौन से गुण !

punjabkesari.in Wednesday, Jul 13, 2022 - 09:28 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Guru Purnima 2022: ज्योतिष विज्ञान की रचना करने वाले महर्षि भृगु जी द्वारा गुरू की महिमा का वर्णन इस प्रकार किया गया, जिसे उनके पावन ग्रंथ श्री भृगु संहिता के महायश वाचक श्री मुकेश पाठक जी द्वारा इस प्रकार वर्णन किया गया कि गुरू तीन प्रकार के होते हैं। पहला गुरू माता को कहा गया है जो कि हमें बोलना, चलना, खाना-पीना इत्यादि प्रारम्भ में सब कुछ सिखाती है। दूसरा गुरू होता है शिक्षा गुरू जो कि जीवन में हमें सांसारिक शिक्षा प्रदान करता है क्योंकि शिक्षा के बिना इन्सान पशु के ही समान होता है। तीसरा गुरू होता है, दीक्षा गुरू जो कि हमारे मानव जीवन को इस पूरे जीवन का सार तत्व ज्ञान के रूप में देकर दीक्षित करता है और संसार रूपी भवसागर से पार होने का मार्गदर्शन करता है।

PunjabKesari Guru Purnima

महार्षि भृगु जी जीवित गुरू को मानव जीवन के लिये महत्वपूर्ण क्यों बताते हैं क्योंकि गुरू किसी व्यक्ति का नाम नहीं है बल्कि यह तो एक पदवी होती है और इन्सानी जीवन के लिये इस पद की क्यों आवश्यक्ता होती है। गुरू रूपी पद असलीयत में भगवान का ही रूप होता है। जिस प्रकार हम सूर्य को नगन आंखों से नहीं देख सकते, अगर देखने की कौशिश करते हैं तो अंधे भी हो सकते है परन्तु हम चंद्रमा को देख सकते हैं ओर ऐसा करने से हमारी नेत्र ज्योति में भी बढ़ोतरी हो सकती है। चंद्रमा का स्वयं का कोई प्रकाश नहीं होता, वह प्रकाश तो सूर्य का ही होता है। जिसे चंद्रमा द्वारा अवशोषित करके ठंडक में परिवर्तित करके फैलाया जाता है। ठीक उसी ही प्रकार हम देवआत्माओं के तप तेज के कारण उनके प्रत्यक्ष दर्शन नहीं कर सकते क्योंकि हमारी शारीरिक एवं बौद्धिक क्षमता ही नहीं है। हमें अपने ईष्ट देव के दर्शन अपने गुरू के रूप में ही करने चाहिए, जोकि चंद्रमा की भांति शीतल, शांत एवं शीतलता प्रदान करने वाला होता है। शक्ति तो देवआत्माओं की ही होती है परन्तु वह शक्ति जीवित गुरू के द्वारा प्रदान की जाती है।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें

PunjabKesari Guru Purnima

अब सवाल आता है कि सच्चे गुरू की पहचान क्या होती है। भृगु जी महाराज मार्गदर्शन करते हुए कहते हैं कि ऐसा गुरू जिसकी नजर आपके रुपये पैसों पर न हो, गुरू आपके सुख में आये या न आये परन्तु शिष्य के दुख के समय में एक सुरक्षा कवच बनकर उसकी रक्षा करने के लिये सदैव खड़ा हो। जो शिष्य को अहंकारी न होने दें। सत्संग, भक्ति, सेवा, दान, एवं सत्यमार्ग पर चलाने की शिक्षा दे। ऐसे पूर्ण गुरू की सानिंध्य प्राप्त कर हमें अपने मानव जीवन को धन्य करते हुए पूर्णतः विकसित होकर जीवन को जीना चाहिए।

Guru purnima 2022 timing: आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को ही गुरू पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। गुरू पूर्णिमा इस वर्ष 13 जुलाई 2022 दिन बुधवार को मनाई जा रही है। पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को प्रातः 4 बजे से लेकर 14 जुलाई 2022 की अर्धरात्रि 12 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। पूर्णिमा का व्रत 13 जुलाई 2022 को ही रखा जाएगा। इस दिन गुरू शिष्य को तिलक करने की प्रथा होती है। कोई भी शिष्य पूर्ण वर्ष चाहे गुरू के पास जाये या न जाए परन्तु गुरु पूर्णिमा पर जाकर जब गुरु को नमन करता है। तो गुरु पूर्ण वर्ष के आशीर्वाद इसी दिन एक साथ ही प्रदान कर देता है। जिसका प्रभाव पूर्ण वर्ष शिष्य पर बना रहता है।

PunjabKesari Guru Purnima

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

PunjabKesari Guru Purnima

PunjabKesari kundli


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News