उत्साह के साथ मनाई गई दीपावली आज गोवर्धन पूजा, कल भईया दूज

punjabkesari.in Wednesday, Oct 26, 2022 - 10:02 AM (IST)

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नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): दिवाली के अगले दिन होने वाली गोवर्धन पूजा सूर्यग्रहण की वजह से आज यानि 26 अक्तूबर को मनाई जाएगी। मालूम हो कि 25 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण था, जिसकी वजह से गोवर्धन पूजा नहीं की जा सकती थी। इसीलिए मंगलवार की जगह बुधवार को गोवर्धन पूजा व गुरुवार को भईया दूज मनाया जाएगा।

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बता दें कि हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन यानि अन्नकूट पूजा की जाती है। इस साल कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 25 अक्तूबर को शाम 4 बजकर 30 मिनट से हुई जोकि 26 अक्तूबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक रहेगी। हालांकि ज्योतिषियों के अनुसार 26 अक्तूबर को भी सिर्फ दो ही घंटे का अवसर आपको पूजा के लिए मिल पाएगा। पंचांग के अनुसार गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से 8 बजकर 43 मिनट तक ही रहेगा। हालांकि दोपहर 2 बजकर 42 मिनट के बाद भईया दूज प्रारंभ हो रहा है लेकिन कोई हिंदू त्योहार सूर्योदय पर निर्भर रहता है इसीलिए 27 को भईया दूज मनाया जाएगा।

कोरोना वायरस महामारी के चलते पिछले दो साल सादगी भरे त्योहार के बाद सोमवार को पूरे धूमधाम और उत्साह के साथ दिवाली मनाई गई। इस दौरान चारों तरफ इमारतें और घर रंग-बिरंगी लाइट और दीयों से रोशन नजर आए। दीपावली के अवसर पर लोगों ने एक-दूसरे को मिठाइयां बांटकर शुभकामनाएं दीं और मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। राजधानी दिल्ली में पटाखे चलाने पर लगी रोक का उल्लंघन करते हुए लोगों ने जमकर आतिशबाजी की।

कैसे करते हैं गोवर्धन पूजा गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज बनाए जाते हैं। उन्हें फूल-मालाओं से सजाया जाता है। उन्हें 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है। साथ ही पंचामृत बनाया जाता है। गोवर्धन महाराज की परिक्रमा की जाती है और दीप जलाकर उनका गुणगान किया जाता है। पश्चिमी यूपी में विशेष रूप से रोट बनाए जाने की प्रथा है जोकि गेहूं के आटे, गुड़, मेवे व देशी घी से तैयार किया जाता है।

गोवर्धन की पौराणिक कथा पौराणिक कथा के अनुसार, द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के घमंड को तोड़ने व गोकुलवासियों की उनके प्रकोप से रक्षा करने के लिए गोवर्धन पर्वत को आज ही के दिन छोटी उंगली पर उठाया था। जिसके बाद इंद्रदेव ने उनसे क्षमा याचना की थी।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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