Good luck लेकर आ रहा है 2021, जनवरी में 3 ग्रह बदलेंगे चाल

punjabkesari.in Monday, Dec 21, 2020 - 01:46 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वैदिक ज्योतिष में देव गुरु बृहस्पति को नवग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है और उनके गोचर को भी एक महत्वपूर्ण ज्योतिष्य  घटना माना जाता है। इन्हें अत्यंत शुभ ग्रह माना जाता है। बृहस्पति हमारे जीवन में उन्नति की राह खोलते हैं । इन्हें ज्ञान, कर्म , धन , पुत्र और विवाह का कारक माना जाता है। इन्हें अध्यात्म का कार्य माना जाता है और इन्हें दार्शनिक का दर्जा भी दिया गया है । यह ज्ञान के दाता है। ऐसा माना जाता है कि देव गुरु बृहस्पति हमारे आध्यात्मिक ज्ञान व हमारी बुद्धि को निर्देशित करते हैं और जिस जातक पर यह प्रसन्न होते हैं , उसे जिंदगी में किसी चीज की कमी नहीं रहती । समाज में खूब यश सम्मान मिलता है।

जिन लोगों की कुंडली में , होरोस्कोप में बृहस्पति यानी जुपिटर का प्रभाव अधिक होता है , उस व्यक्ति का मन धर्म और आध्यात्मिक कार्य में बहुत अधिक लगता है। मैं कुंडली टीवी के दर्शकों को यह बताना चाहूंगा कि देव गुरु बृहस्पति  कर्क राशि में उच्च के होते हैं और मकर राशि में नीच के होते हैं। धनु और मीन इनकी अपनी राशियां है।

देव गुरु बृहस्पति इस समय शनि की राशि मकर में विराजमान हैं और 6 अप्रैल, मंगलवार के दिन शाम 6:01 पर अपना गोचर करते हुए मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जो इस अवस्था में 15 सितंबर बुधवार तक रहेंगे और फिर अपनी वक्री गति शुरू करते हुए प्रातः काल 4:22 पर एक बार फिर से मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा। जिसके बाद वो पुनः मार्गी होते हुए उपरांत 20 नवंबर, शनिवार के दिन पूर्वान्ह 11:23 पर मकर से कुंभ राशि में विराजमान होंगे। ऐसे में गुरु बृहस्पति के इस स्थान परिवर्तन का सालभर हर राशि के जातकों पर किसी न किसी रूप से प्रभाव पड़ेगा। 

देव गुरु बृहस्पति के वर्ष 2021  में गोचर से कई महत्वपूर्ण घटनाएं भी घटित होंगी । देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ेगा। शिक्षा क्षेत्र में कई तब्दीलिया देखने को मिलेंगी। आईटी क्षेत्र में फिर से उछाल आने लगेगा। विभिन्न राशियां प्रभावित होंगी। मैं सभी राशियों पर उनके प्रभाव के बारे में बताना चाहूंगा।

मेष राशि देव गुरु बृहस्पति वर्ष 2021में  मेष राशि के नवम और बारहवें भाव का स्वामी होकर साल की शुरुआत में यानी 6 अप्रैल से 15 सितंबर तक आपके एकादश भाव में गोचर करेगा। मेष राशि वालों की जहां परेशानियां कम होंगी, वहीं शुभ कार्यों पर भी खर्च होगा और धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी।  स्वास्थ्य उत्तम रहेगा । वैवाहिक सुख में भी बढ़ोतरी होगी।

वृषभ राशि में गुरु अष्टम और एकादश भाव के स्वामी हैं और इस सालभर आपके दशम और नवम भाव को प्रभावित करेंगे। वृषभ राशि में मिलाजुला प्रभाव रहेगाा। इन राशि वालों को स्वास्थ्य संबंधी खासकर पेट से संबंधित कोई दिक्कत हो सकती है। सेहत के प्रति लापरवाही पर तना ठीक नहीं होगा।

मिथुन राशि वालों के दांपत्य जीवन में खुशियां आएंगी ।गुरु गोचर 2021 के अनुसार मिथुन राशि में गुरु सप्तम और दशम भाव के स्वामी हैं और शुरुआत में उनका नवम भाव में गोचर होने पर आपकी राशि पर पूर्णतः शुभ प्रभाव रहेगा। प्रमोशन का योग भी बनेगा। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा और लंबे अरसे से कोई काम जो अटका हुआ था , वह बन जाएगा।

कर्क राशि वालों को शत्रुओं के चालों से बच कर रहना होगा। गुरु गोचर 2021 के अनुसार गुरु ग्रह कर्क राशि के षष्ठम और नवम भाव के स्वामी है और साल की शुरुआत से यानि 6 अप्रैल से 15 सितंबर तक कर्क राशि से अष्टम भाव में गोचर करेगा। जिससे आपको प्रतिकूल फलों की प्राप्ति होगी। मानसिक तनाव हो सकता है लेकिन इस राशि के विद्यार्थियों का विदेश जाकर पढ़ने का सपना साकार हो सकता है।

सिंह राशि वालों के लिए बृहस्पति का गोचर अच्छा रहने वाला है।गुरु गोचर 2021 के अनुसार गुरु बृहस्पति सिंह राशि के पंचम और अष्टम भाव का स्वामी है और इस वर्ष की शुरुआत यानी 6 अप्रैल से 15 सितंबर तक आपके सप्तम भाव में गोचर करेगा। प्रेम संबंध प्रगाढ़ होंगे।  रुका हुआ धन भी वापस मिलने के चांस है।

कन्या राशि वालों की प्रॉपर्टी में इजाफा होगा। गुरु बृहस्पति कन्या राशि के चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और इस साल 6 अप्रैल से 15 सितंबर तक आपके षष्ठम भाव में गोचर कर रहे हैं। ये समय शिक्षा के लिए अच्छा रहेगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को सफलता मिलेगी।
 इनकम का कोई नया सोर्स डिवेलप हो सकता है।

तुला राशि वालों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। गुरु बृहस्पति कन्या राशि के तृतीय और षष्ठम भाव के स्वामी हैं और इस साल 6 अप्रैल से 15 सितंबर तक आपके पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। आपके लिए तरक्की के रास्ते खुलते चले जाएंगे।  भाई बहनों का सहयोग मिलेगा और छोटे भाई बहनों को कोई बड़ी कामयाबी भी मिल सकती है।

वृश्चिक राशि वालों की तो जैसे लॉटरी खुलने वाली है। गुरु ग्रह आपकी राशि से दूसरे और पंचम भाव का स्वामी है और साल के शुरुआत में 6 अप्रैल से 15 सितंबर तक आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है।
देव गुरु बृहस्पति कई स्रोतों से इनकम प्रदान करेंगे और लंबे समय से अटकी हुई समस्याओं का भी हल निकालेंगे।

धनु राशि वालों का समाज में मान सम्मान बढ़ेगा । गुरु ग्रह आपकी राशि धनु के स्वामी हैं साथ ही वह आपकी राशि से चतुर्थ भाव के भी स्वामी है। इस वर्ष गुरु बृहस्पति 6 अप्रैल से 15 सितंबर तक आपके तृतीय भाव में होंगे, जिससे आपको कई छोटी यात्राओं पर जाने का अवसर मिलेगा। आर्थिक जीवन में तरक्की मिलेगी और संतान संबंधी चिंता भी दूर होगी।

मकर राशि वालों के खर्चे बढ़ेंगे और इनवेस्टमेंट के लिए समय अनुकूल नहीं होगा । व्यापार में अगर कोई साझेदार है तो उसके साथ थोड़ा विवाद हो सकता है , जिसे टालना बेहतर रहेगा। घर में बुजुर्गों के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना होगा।

कुंभ राशि वालों को वाहन बहुत सावधानी से चलाना होगा । बस यही एक इतिहास बरतनी है।  बाकी आपके रुके हुए काम बनेंगे और आर्थिक पक्ष भी मजबूत होगा।  विद्यार्थियों के लिए भी समय बढ़िया रहेगा।

मीन राशि देव गुरु बृहस्पति की अपनी राशि है। मीन राशि वाले नया वाहन या मकान खरीद सकते हैं।  पद प्रतिष्ठा दोनों बढ़ेगी। लेकिन स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतना ठीक नहीं रहेगा।

जिन राशियों के लिए देव गुरु बृहस्पति का गोचर बहुत शुभ प्रभात नहीं देगा। उन्हें चाहिए कि वह घर में बुजुर्गों का सम्मान करें और बृहस्पतिवार के दिन किसी मंदिर में चने की दाल दान करें और विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकें व स्टेशनरी वितरित करने के साथ-साथ पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News