Vrishabh Rashi 2025: वृषभ राशि की असली पहचान, क्या कहते हैं ग्रह, नक्षत्र और भाग्य ?

punjabkesari.in Saturday, Jun 07, 2025 - 08:01 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Vrishabh Rashi 2025: यदि आपका नाम अंग्रेजी के शब्द  E, O या V से शुरू होता है यह आर्टिकल आपके लिए है। इस राशि का स्वामी है शुक्र। शुक्र राक्षसों के देवता कहे गए हैं इसलिए वृषभ राशि के जातक शौकीन तबीयत के होते हैं। सजावटी प्रभाव देने वाले, जीवन साथी के साथ मिलकर कार्य करने वाले, खुद को उच्च समाज से जुड़ जोड़कर चलने वाले, अपने नाम को दूर-दूर तक फैलाने वाले, वीनस से ही आती है। सारी जो प्रसिद्धि मिलती है वीनस से ही मिलती है। हर किसी के लिए उदार स्वभाव भोजन के शौकीन बहुत होते हैं। यह राशि पृथ्वी तत्व की राशि है और यह स्थिर राशि है। इसका मतलब यह है कि यह लोग जमीन से ज्यादा जुड़े होते हैं, प्रैक्टिकल ज्यादा होते हैं। हालांकि चूजी होते हैं लेकिन प्रैक्टिकल होते हैं। इसके साथ ही इनमें स्थिरता रहती है। अब देखिएगा जितने भी आपके लंबे समय वाले दोस्त होंगे वह फिक्स साइन के ही होंगे इसलिए इन्हें पार्टनर परिवर्तन पसंद नहीं होता और यह अपनी जगह और माहौल बार-बार बदलना पसंद नहीं करते। यदि किसी को अपने लिए अच्छा और स्थिर एंप्लई ढूंढना हो तो वृषभ राशि के जातक बहुत सही साबित होते हैं, एक तो यह मेहनती बहुत है। दूसरा यह टिक कर काम करते हैं तो मेहनत बहुत पूरी फोर्स लगा देतेहैं। यह मेहनत  करने के मामले में पीछे नहीं हटते, शांत स्वभाव के होते हैं। यह ज्यादा गुस्सा नहीं करते और ज्यादा शांत रहेंगे इसलिए इनका परफॉर्मेंस भी वर्क प्लेस के ऊपर ज्यादा अच्छा होता है। आप कभी भी आप इसको ओवर रिएक्ट करते हुए नहीं पाएंगे लेकिन यदि इनकी प्रतिक्रिया आ  जाती है तो यह बहुत ज्यादा भी कर जाते हैं तो फिर इन्हें संभालना मुश्किल हो जाता है। 

इस राशि को फीमेल राशि कहा जाता है। लिहाजा यह वैसे स्वभाव से नम्र और शांत होते हैं। इस राशि का स्वामी शुक्र इच्छाओं का कारक है लिहाजा इनमें खूब धन कमाने की इच्छा भी होती है और वृषभ राशि वैश्य जाति होने के कारण ऐसे जातक बहुत अच्छे कारोबारी भी साबित होते हैं। इस राशि की दिशा दक्षिण होती है यानी कि यह साउथ को रिप्रेजेंट करती है। इसके कारण इस जातकों ऐसे जातकों को खासतौर पर दक्षिण दिशा का जो घर होता है वो अच्छे फल दे जाता है या साउथ का, जो ट्रैवल करते हैं वो इनको बहुत रास आता है। 

वृषभ राशि रात्रि वाली राशि का है यानी  कि नाइट में यह ज्यादा एक्टिव होते हैं। तो इन्हें आप देखेंगे कि इनका माइंड और बॉडी रात के समय ज्यादा एक्टिव रहेगा। यह बहुत ज्यादा काम करते हैं रात के समय। सूर्यास्त के बाद जो है वो इनकी बॉडी थोड़ी सी ज्यादा एक्टिव होती है। तो यह
रात्रि बली है क्योंकि दीपावली और रात्रि बली दो तरह की राशियां होती हैं। 

वृष राशि के जातकों का करियर 
वृषभ राशि के जातक या तो सूर्य के कृतिका नक्षत्र में पैदा होते हैं। यानी कि कृतिका के पहले तीन चरण आ जाते हैं। चंद्रमा का रोहिणी नक्षत्र उसके चारों चरण आ जाते हैं। मंगल के मनशा नक्षत्र के दोचरण इसमें आ जाते हैं। कृतिका या रोहिणी के नक्षत्र में पैदा हुए जातक जब करियर की शुरुआत करते हैं तो इन्हें राहु की महादशा मिल जाती है और करियर में ग्रोथ  गुरु की महादशा में मिलती है। राहु 18 साल चलते हैं, गुरु 16 साल चलते हैं। तो, यह उस समय यह करीब 40  साल की उम्र पार कर जाते हैं और इन्हें खूब तरक्की मिलती है। इन दोनों दशाओं में ही यह सारा कुछ होता है। शनि इनकी कुंडली में नौवें और दसवें भाव का स्वामी होकर योगा कारक हो जाता है। यानी कि यदि मंगल के नक्षत्र में पैदा हुए और राशि वृश्चिक है तो योगकारक ग्रह की दशा आपको मिल जाती है और यही शनि फिर इन्हें नए मुकाम पर ले जाता है। लिहाजा करियर के दौरान गुरु और शनि के उपाय जरूर करने चाहिए क्योंकि गुरु 16 साल और  शनि 19 साल तक करियर को प्रभावित करते हैं और जिंदगी में कितना धन आएगा, कितनी प्रतिष्ठा बढ़ेगी, कितनी तरक्की होगी, यह सब शनि के ऊपर ही डिपेंड करता है आपकी शनि की स्थिति के ऊपर क्योंकि वह योगा कारक है, वह आपका रूलिंग प्लनेट हो जाता है।

वृष राशि के जातकों का रिलेशनशिप

इस राशि की उन राशियों के साथ ज़्यादा बनती है जिनके स्वामी या तो शुक्र है या शनि है या बुध है क्योंकि यह आपसमें तीनों ही मित्र ग्रह हैं। यानी कि वृषभ  राशि, तुला राशि, मकर राशि, कन्या राशि, मिथुन राशि, कुंभ राशि के जातकों के साथ इनकी थोड़ी सी अंडरस्टैंडिंग ज्यादाबेटर हो जाती है क्योंकि वृषभ राशि के जातक है उनके लिए सातवें भाव का स्वामी यानी कि शादी वाले भाव का स्वामी है। वहां पर वृश्चिक राशि आ जाती है। लिहाजा इनका पार्टनर मंगल से प्रभावित होता है और पार्टनर के उत्तर दिशा में मिलने के आसार वह ज्यादा होते हैं। शुक्र की राशि होने के कारण इन्हें जल्दी शारीरिक समस्या नहीं आती और आ भी जाए तो जल्दी ठीक हो जाती है क्योंकि यह पृथ्वी तत्व की राशि है तो पृथ्वी तत्व से संबंधित समस्या ज्यादा आ सकती है। यानी कि यदि हम बीमारियों की बात करें, इन्हें टॉन्सिल्स, मुंह और गले के रोग हो सकते हैं। इस तरह की चीजें इनमें डिप्थीरिया हो सकता है। इन्हें थोड़ा सा ध्यान रखना पड़ेगा। इन्हें सूर्य नमस्कार की एक्सरसाइज करनी चाहिए। सूर्य को जल देना चाहिए और ॐ भास्कराय नमः  का जप करना चाहिए। 

वृषभ राशि के जातक करें ये उपाय
वृष राशि के जातकों के लिए शनि भाग्य स्थान के स्वामी बनते हैं। जबकि बुध पंचम भाव में क्योंकि पंचम में बुध की कन्या राशि आ जाएगी उसके स्वामी बनते हैं और राशि स्वामी तो शुक्र है ही। तो स्टोन यदि आपने धारण करना है तो हीरा धारण कर सकते हैं, पन्ना धारण कर सकते हैं, नीलम धारण कर
सकते हैं। लेकिन कोई भी स्टोन यदि आपने धारण करना है तो यह एनश्योर जरूर करिए कि  जिस प्लनेट का आप स्टोन धारण कर रहे हैं वो आपकी कुंडली में छठे, आठवें, 12वें भाव में न हो। लग्न से छठे आठवें की बात हो रही है। यदि वह केंद्र या त्रिकोण या फिर आपके लाभ स्थान में है तो उसका स्टोन धारण कर सकते हैं। इसके अलावा यदि किसी भी जगह पर प्लनेट बैठा है उसका स्टोन धारण करेंगे तो नेगेटिव असर ज्यादा आ सकते हैं। पॉजिटिव असर कम आते हैं तो इसलिए थोड़ा सा यह देखना चाहिए और अपने से जो पिछड़ा व्यक्ति है उसकी मदद करिए क्योंकि शनि लेबर क्लास को रिप्रेजेंट करता है, उसकी मदद करना चाहिए। शुक्रवार की रेमेडी करने के तौर पर आप गौशाला में जा सकते हैं। गौ की सेवा कर सकते हैं। इसके अलावा शुक्रवार के दिन
मिश्री, चावल, चीनी, सफेद कपड़े, सफेद फूल का दान कर सकते हैं। यदि आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो वृषभ राशि के जातकों के लिए छह मुखी रुद्राक्ष अच्छा होता है। छह मुखी रुद्राक्ष का संबंध है वह भगवान कार्तिकेय के साथ है। 

नरेश कुमार
https://www.facebook.com/Astro-Naresh-115058279895728 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News