Ashadh Month Good Luck: 1 महीना करें ये काम, खत्म होगा जीवन का संघर्ष
punjabkesari.in Thursday, Jun 12, 2025 - 06:38 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Ashadh Month Good Luck: आषाढ़ मास देवताओं के निद्रासमाधि और मनुष्यों के जागरण का काल है। देवता सोते हैं। श्री हरि विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं ताकि मनुष्य अपने अंदर झांक सके। यह एक उल्टा ब्रह्मचक्र है। ब्रह्मा सृष्टि से हटते हैं और आत्मा सृष्टि में प्रवेश करते हैं। आषाढ़ माह में आकाश और जल तत्त्व का मिलन होता है। केवल आषाढ़ में ही मेघ, वायु और जल की त्रिवेणी बनती है। इसे शास्त्रों में मानसिक तपस्या का स्वर्ण काल कहा गया है। जब साधना जल्दी फलीभूत होती है। आषाढ़ मास आत्म-जागृति, गुरु भक्ति, योग-साधना और जल तत्व के संतुलन का अद्भुत मास है। यह बाहरी वर्षा की नहीं, भीतर के अमृत वर्षा की प्रतीक्षा का समय है। देवता सोते हैं ताकि साधक जाग सके। यही इसका गूढ़ सत्य है।
योगसूत्रों में विशेषतः पतंजलि योगसूत्र और गोरखनाथ परंपरा में आषाढ़ को प्रथम स्थूल समाधि प्रवेश काल माना गया है। यही कारण है कि गुरु पूर्णिमा, जो व्यास जी को समर्पित है, आषाढ़ पूर्णिमा को आती है क्योंकि यह बाहरी ज्ञान से आंतरिक अनुभूति की ओर संक्रमण बिंदु है।
Ashadh Month: आषाढ़ माह का आरंभ, जानिए इस महीने के प्रमुख त्योहारों की List
What should be done in the month of Ashadh according to the scriptures शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ मास में क्या करना चाहिए
एकान्त साधना करें। दिन में एक बार मौन धारण करें और केवल आत्म-स्वरूप पर ध्यान करें।
शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ में ज्ञान की अग्नि का बीज बोया जाता है। इस मास में गुरु से दीक्षा लेना या पुरानी दीक्षा पर साधना गहराना सर्वोत्तम फलदायक होता है।
आषाढ़ जल प्रधान मास है, जल तत्त्व का संयम और साधना विशेष मानी गई है।
स्नान के बाद गंगायै नमः, वरुणाय नमः कहकर जल अर्पण करें।
इस मास में मांस, मद्य, अधिक नमक, अधिक तेल का त्याग करें, यह मन को स्थिर करता है।
आषाढ़ में वर्षा से जठराग्नि मंद होती है इसलिए शास्त्रों में उपवास, त्रिफला सेवन और कफ-शोधक काढ़ों का प्रयोग बताया गया है।
आषाढ़ के महीने में यज्ञ और हवन करना बहुत ही शुभ होता है। जो व्यक्ति श्रद्धा भाव से अपने घर अथवा मंदिर में हवन करता है, उससे जीवन में आने वाली हर परेशानी से छुटकारा मिलता है।
आषाढ़ माह में स्नान के साथ दान करने का भी बहुत महत्व है। इस माह में अपनी क्षमता अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु की खास कृपा बनी रहती है और मन की हर मनोकामना पूरी होती है।