Gangaur Vrat Katha: अटल सुहाग और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए पढ़ें गणगौर की पौराणिक कथा

punjabkesari.in Wednesday, Apr 10, 2024 - 12:34 PM (IST)

 शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Gangaur Vrat katha: गणगौर की पौराणिक कथा : कहते हैं एक बार भगवान शंकर माता पार्वती व नारद जी के साथ भ्रमण के लिए निकले। वह चलते-चलते चैत्र शुक्ल तृतीया को एक गांव में पहुंचे।

PunjabKesari Gangaur Vrat Katha

उनका आना सुनकर ग्राम की निर्धन स्त्रियां उनके स्वागत के लिए थालियों में हल्दी व अक्षत लेकर पूजन को पहुंच गईं। पार्वती जी ने उनके पूजा भाव को समझकर सारा सुहाग रस उन पर छिड़क दिया। वे अटल सुहाग प्राप्त कर लौटीं। थोड़ी देर बाद धनी वर्ग की स्त्रियां अनेक प्रकार के पकवान सोने-चांदी के थालों में सजाकर सोलह शृंगार करके शिव और पार्वती के सामने पहुंचीं।

PunjabKesari Gangaur Vrat Katha

इन स्त्रियों को देखकर भगवान शंकर ने पार्वती से कहा, तुमने सारा सुहाग रस तो निर्धन वर्ग की स्त्रियों को ही दे दिया, अब इन्हें क्या दोगी ?

PunjabKesari Gangaur Vrat Katha

पार्वती जी बोलीं- प्राणनाथ ! इन स्त्रियों को अपनी उंगली चीरकर रक्त का सुहाग दूंगी, इससे वे मेरे समान सौभाग्यवती हो जाएंगी। जब इन स्त्रियों ने शिव-पार्वती पूजन समाप्त कर लिया तब पार्वती जी ने अपनी उंगली चीर कर उसका रक्त उन पर छिड़क दिया, जिस पर जैसे छींटे पड़े उसने वैसा ही सुहाग पा लिया। तब पार्वती जी ने कहा तुम सब वस्त्र-आभूषणों का परित्याग कर, माया-मोह से रहित हो जाओ और तन-मन-धन से पति की सेवा करो। तुम्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी।  

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News