भारत के इस मंदिर में भगवान शिव के साथ होती है मेंढक की पूजा, पढ़ें अद्भुत जानकारी

punjabkesari.in Saturday, Dec 31, 2022 - 09:55 AM (IST)

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Frog Temple at Oel village in Lakhimpur Kheri Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के ओयल कस्बे में स्थित यह मंदिर इसलिए अनूठा है क्योंकि यहां भगवान शिव मेंढक की पीठ पर विराजमान हैं और यहां उनके साथ मेंढक की भी पूजा होती है। मंदिर की काफी मान्यता है, जिसकी वजह से दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। इसे मेंढक मंदिर भी कहा जाता है। भारत में यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहां मेंढक की पूजा होती है या यूं कह लीजिए कि यह अपने देश का एकमात्र मेंढक मंदिर है। मंदिर की आसपास के क्षेत्र की काफी अहमियत है।  

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Unique temple in india where a frog worshiped: 200 साल पुराना है मंदिर : मंदिर का इतिहास करीब 200 साल पुराना है और मान्यता है कि सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। यह जगह ओयल शैव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र थी और यहां के शासक भगवान शिव के बड़े उपासक थे। इस कस्बे के बीच मंडूक यंत्र पर आधारित प्राचीन शिव मंदिर है। यह क्षेत्र ग्यारहवीं शताब्दी के बाद से 19वीं शताब्दी तक चाहमान शासकों के अधीन रहा है। चाहमान वंश के राजा बख्श सिंह ने ही इस अद्भुत मंदिर का निर्माण करावाया था।

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Mysterious Shiv Mandir शिवलिंग रंग बदलता है : मंदिर की वास्तु परिकल्पना कपिला के एक महान तांत्रिक ने की थी। तंत्रवाद पर आधारित इस मंदिर की वास्तु संरचना अपनी विशेष शैली के कारण विशिष्ट है। सामने से मेंढक की पीठ पर करीब 100 फुट का यह मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिए उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के शिव मंदिरों में सबसे अलग है।

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मेंढक मंदिर की खास बात यह भी है कि यहां का शिवलिंग रंग बदलता है और यहां खड़ी नंदी की मूर्ति आपको कहीं देखने को नहीं मिलेगी। सावन के महीने में दूर-दूर से शिव भक्त यहां आकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते और आशीर्वाद लेते हैं। दीपावली में भी यहां खूब भीड़ होती है।

लखीमपुर से ओयल 11 कि.मी. दूर है। यहां जाने के लिए आपको पहले लखीमपुर आना पड़ेगा, आप बस या टैक्सी करके लखीमपुर से ओयल जा सकते हैं। अगर आप फ्लाइट या ट्रेन से आना चाहते हैं तो यहां से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन लखनऊ 135 कि.मी. दूर है। यहां से आपको लखीमपुर के लिए बसें मिल जाएंगी। 

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Content Writer

Niyati Bhandari

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