पूजा में न करें इन फूलों का Use, खफा हो जाएंगे देवी-देवता

punjabkesari.in Friday, Feb 02, 2018 - 09:59 AM (IST)

भगवान को फूलों की खुशबू बहुत भाती है, तभी तो उनके पूजन में विशेष रूप से फूलों का प्रयोग किया जाता है। पुराणों में कहा गया है, फूलों को तोड़ने का शुभ समय सुबह का है अवश्यक हो तो शाम के समय सूर्यास्त से पहले भी फूल तोड़ सकते हैं। ध्यान रखें दोपहर के वक्त फूल नहीं तोड़ने चाहिए। बिना नहाए पूजा के लिए फूल कभी न तोड़ें। मान्यता है कि भगवान के प्रिय पुष्प अर्पित करने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। सभी मांगलिक कार्य और पूजन कर्म में फूलों का विशेष स्थान है। सभी देवी-देवताओं को अलग-अलग फूल प्रिय हैं। साथ ही इन्हें कुछ फूल नहीं चढ़ाए जाते। इसी वजह से बड़ी सावधानी से पूजा आदि के लिए फूलों का चयन करना चाहिए।


अगस्त्य के फूल और तुलसी पत्र कभी भी बासी नहीं होते। कमल और कुमुद के फूल डाल से टूटने के बाद पंद्रह दिनों तक बासी नहीं होते।


देवी-देवताओं को केवल चंपा की कली अर्पित की जाती है।

 
शिव जी की पूजा में मालती, कुंद, चमेली, केवड़ा के फूल वर्जित हैं।


केतकी के फूल किसी भी देवी-देवता की पूजा में प्रयोग न करें।

 
सूर्य उपासना में अगस्त्य के फूलों का उपयोग नहीं करना चाहिए।

 
सूर्य और श्रीगणेश के अतिरिक्त सभी देवी-देवताओं को बिल्व पत्र चढ़ाए जा सकते हैं। सूर्य और श्रीगणेश को बिल्व पत्र न चढ़ाएं।

 
प्रात:काल स्नानादि के बाद ही देवताओं पर चढ़ाने के लिए पुष्प तोड़े या चयन करें। ऐसा करने पर भगवान प्रसन्न होते हैं।


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