Diwali Shubh muhurat 2024: भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीपावली, जानें शुभ मुहूर्त
punjabkesari.in Wednesday, Oct 30, 2024 - 07:57 AM (IST)
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Diwali Shubh muhurat 2024: दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार दिवाली की तिथि को लेकर लोग असमंजस में हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस बार दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी तो वहीं कुछ लोग 1 नवंबर को सही तारीख बता रहे हैं। तो आइए ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि दिवाली की सही तिथि क्या है-
हर साल की तरह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या यानी दिवाली का त्योहार देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली प्रकाश का पर्व है और इसे दीपावली भी कहा जाता है। दिवाली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद वापिस अयोध्या आए थे।
इस बार दिवाली की तिथि को लेकर लोग असमंजस में हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस बार दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी तो वहीं कुछ लोग 1 नवंबर को दिवाली की सही तारीख बता रहे हैं। तो आइए ज्योतिषाचार्य पं. सुधांशु तिवारी जी से जानते हैं कि दिवाली किस दिन मनाना फलदायी होगा और साथ ही दिवाली की सही डेट क्या है और लक्ष्मी-गणेश पूजन का मुहूर्त क्या रहेगा ?
Diwali date 2024 दिवाली तिथि 2024
दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में अमावस्या की तिथि के अनुसार कुछ विद्वान या पंडित दिवाली 31 अक्टूबर को मनाने की सलाह दे रहे हैं तो वहीं कुछ 1 नवंबर को दिवाली मनाने के पक्ष में हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित सुधांशु तिवारी जी के मुताबिक, 1 नवंबर को अमावस्या तिथि प्रदोष और निशिता काल को स्पर्श नहीं कर रही है जबकि 31 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से लेकर निशिता काल तक व्याप्त रहेगी। साथ ही 1 नवंबर को आयुष्मान योग और स्वाति नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है लेकिन तिथियों और पंचांग के अनुसार, इस बार 31 अक्टूबर को ही दिवाली मनाना ज्यादा शुभ रहेगा।
Different Pandits argue about the date of Diwali 2024 दिवाली 2024 की तिथि को लेकर अलग-अलग पंडितों का तर्क
अयोध्या में दिवाली का पर्व 1 नवंबर को मनाया जाएगा। जबकि काशी के पंडितों के मुताबिक, दिवाली 31 अक्टूबर को मनाना ही फलदायी रहेगा। साथ ही वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर, नाथद्वारा श्रीनाथजी मंदिर, तिरुपति देवस्थानम और द्वारकाधीश में भी दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। उज्जैन के ज्योतिर्विदों के अनुसार, 31 अक्टूबर को अमावस्या प्रदोष काल में ही मनाना सही रहेगा और धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाई गई।
Auspicious time for Diwali puja दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त
इस बार 31 अक्टूबर दिवाली पूजन के लिए दो मुहूर्त मिलेंगे। पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में है। इस दिन प्रदोष काल शाम 05 बजकर 36 से रात्रि 08 बजकर 11 मिनट के बीच रहेगा, जिसमें वृषभ काल शाम 6 बजकर 20 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। इसमें भी मां लक्ष्मी का पूजन किया जा सकता है।
इसके अलावा लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे खास शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 15 मिनट के बीच का समय रहेगा यानी लक्ष्मी पूजन के लिए आपको 41 मिनट का समय मिलेगा।
आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी
प्रश्न कुण्डली विशेषज्ञ/ ज्योतिषाचार्य
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