Prayagraj: पुण्यकाल में संगम में शाम छह बजे तक 24 लाख 60 हजार श्रद्धालुओं लगाई आस्था की डुबकी

punjabkesari.in Monday, Jan 16, 2023 - 01:03 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

प्रयागराज: दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माघ मेला के दूसरे स्नान पर्व ‘‘मकर संक्रांति'' के अवसर पर शाम छह बजे तक कुल 24 लाख 60 हजार श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। अपर माघ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि शाम छह बजे तक 24 लाख 60 हजार श्रद्धालुओं ने संगम सहित सभी 16 घाटों पर शुभ मुहुर्त में पुण्य की डुबकी लगाई। शनिवार को 14 लाख 20 हजार श्रद्धालुओं ने स्नान किया था। पूरा मेला क्षेत्र भक्ति रंग में सराबोर हो गया है। चारों तरफ हर-हर महादेव, हर-हर गंगे, रामायण और श्रीमद्दभागवत के उद्घोष और प्रवचन सुनाई देता रहा है। मकर संक्रांति की मान्यता दो दिन होने के कारण रविवार को भी लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा-यमुना और अद्दश्य सरस्वती के संगम में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। 

शनिवार की शाम से ही श्रद्धालुओं का रेला संगम की रेती पर पहुंचने लगा था। बाहर से जो श्रद्धालु स्नान करने के लिए मेले में आए हैं उन्होंने 14 जनवरी को स्नान के बाद 15 जनवरी को भी संगम में डुबकी लगाकर घाट पर मौजूद दीन हीनों को दान दिया। श्रद्धलुओं का जत्था तड़के से ठंड की परवाह किये बगैर त्रिवेणी में स्नान करना शुरु कर दिया। आस्था का केंद्र मेला में त्रिवेणी में जाति पति और छुआछूत की दीवार तोड़ एक साथ लोग डुबकी लगा रहे है। मेला क्षेत्र में भोर में कोहरे के असर था लेकिन जैसे जैसे दिन बढ़ता गया शीत लहर तेज़ होती गई। दोपहर से धूप खिलने से श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती गयी।   

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

पूरा मेला क्षेत्र भक्ति रंग में सराबोर हो गया है। चारों तरफ हर-हर महादेव, हर-हर गंगे, रामायण और श्रीमद्दभागवत के उद्घोष और प्रवचन सुनाई दिया। सभी पंडालों में रामकथा का आयोजन किया गया। भोर से ही डुबकी लगाने का दौर शुरू हो गया। मेले में सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक बंदोबस्त किया गया है।

संक्रांति की पुण्य बेला में त्रिवेणी के पवित्र जल में डुबकी लगाने को हर कोई आतुर दिख रहा है। भक्तिभाव से ओतप्रोत बच्चे, युवा एवं बुजुर्ग मेला क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। गंगा, यमुना और अद्दश्य सरस्वती की गोद आस्था-विश्वास की अनंत बूंदों से भर गई है। ज्ञान की गहरी जड़ों के रूप में विराजित अक्षय वट से लेकर त्रिवेणी, काली और गंगोली शिवाला मार्ग तक संतों, भक्तों और कल्पवासियों के लाल, पीले, नीले, हरे शिविर सजने के साथ ही मेले की छटा निहारते बन रही है। 

श्रद्धालु त्रिवेणी में स्नान संगम कर तट पर बैठे पुरोहितों को श्रद्धा पूर्वक तिल, चावल, तिल के लड्डू के साथ वस्त्र भी देकर परिजनों के उत्तम स्वास्थ्य एवं खुशहाली स्वस्थ्य उनसे आशीर्वाद ले रहे हैं। मेला क्षेत्र में पी.ए.सी की 10 कंपनियां तैनात थी लेकिन भीड़ को देखते हुए पांच अतिरिक्त कंपनियां भी बुला ली गयी थी। मेला क्षेत्र में एंटी टेररिस्ट स्कवायड और स्पेशल टास्क फोर्स के कमांडो मुस्तैद किए गए हैं। आस-पास के इलाके में खुफिया तंत्र का जाल बिछाया गया है। डेढ़ सौ से ज्यादा सी.सी.टी.वी के अलावा ड्रोन कैमरों से भी माघ मेला के हर कोने पर संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही है।

PunjabKesari kundli


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News