आखिर क्यों 4 मास के लिए निद्रा में जाते हैं श्री हरि, जानिए इससे जुड़ी खास जानकारी

punjabkesari.in Friday, Oct 28, 2022 - 12:56 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
धार्मिक शास्त्रों में वर्णित उल्लेख के अनुसार प्रत्येक वर्ष की आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी जिसे देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है को श्री हरि विष्णु जी 4 मास के लिए निद्रा में चले जाते हैं। जिसके बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी को अपने शयनकाल पूर्ण कर निद्रा से जागते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार विष्णु भगवान के निद्रा में जाते हैं हिंदू धर्म में होने वाला तमाम तरह के शुभ कार्यों पर 4 महीने के रोक लग जाती है। बता दें इस बार 04 नवंबर को इस वर्ष की देवउठनी एकादशी पड़ रही है जिसके साथ ही समस्त प्रकार के शुभ व मांगलिक तरह के कार्यों ऊपर लगी रोक हट जाती है।
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प्रचलित मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी पर जगत के पालनहार की विशेष पूजा कर उन्हें नींद से जगाया जाता है। इस दिन चातुर्मास खत्म होते है और सभी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, जनेऊ, गृहप्रवेश प्रारंभ हो जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कार्तिक माह में श्रीहरि जल में निवास करते हैं। तो आइए जानते हैं चातुर्मास कब समाप्त हो रहे हैं, कब से हो रही है शुरुआत मांगलिक कार्यों की- 
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चातुर्मास 2022 कब खत्म होंगे-
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी 4 नवंबर 2022, शुक्रवार को है। इसी दिन चातुर्मास की समाप्ति हो रही है। आषाढ़, सावन, भाद्रपद और कार्तिक माह चातुर्मास के चार मास कहलाते हैं। ज्योतिष शास्त्री के अनुसार 04 नवंबर दिन शुक्रवार से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे, हालांकि इस बार शुक्र अस्त होने से देवउठनी एकादशी पर विवाह का मुहूर्त नहीं है। अतः ज्योतिषियों के अनुसार शादी की शहनाई 21 नवंबर 2022 से बज सकेंगी।
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यहां जानें चातुर्मास की कथा-
ब्रह्मवैवर्त पुराण में के अनुसार प्राचीन समय से एक बार योग निद्रा ने भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या की। तप से खुश होकर भगवान विष्णु ने उन्हें दर्शन दिए और वरदान मांगने के लिए कहा। तब योग निद्रा ने भगवान विष्णु से कहा कि भगवान आप मुझे अपने अंगों में स्थान दीजिए। जिसके परिणाम स्वरूप श्रीहरि के संपूर्ण शरीर पर योग निद्रा का अधिकार होता। ऐसे में वह योग निद्रा की इच्छा पूरी करने के लिए सोच में पड़ गए। बहुत सोच विचार के बाद जगत के पालनहार ने उन्हें अपनी आंखों में स्थान दिया और कहा कि साल के 4 महीने आप मेरी आंखों में विराजमान रहेंगी। ऐसा माना जाता तभी से चातुर्मास में भगवान विष्णु योग निद्रा में जाते हैं। 
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Content Writer

Jyoti

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