Color collection: बुरे प्रभाव भी दूर करते हैं ‘रंग’, जानें कैसे

punjabkesari.in Wednesday, Feb 16, 2022 - 01:47 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

How do I know my lucky Colour- शोध से ये निष्कर्ष निकले हैं कि विभिन्न रंग विभिन्न ग्रहों के अशुभ व नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में भी सहायक साबित होते हैं। कहा जाता है कि यदि सूर्य की रश्मियों का प्रभाव जन्मपत्री में अच्छा नहीं हो या वास्तु में पूरब की दिशा का दोष हो तो अंक ज्योतिष के आधार पर एक अंक के प्रभाव कम होने पर सुनहरा-पीला रंग, गुलाबी या भूरा रंग का इस्तेमाल करने से उस रश्मि के प्रभाव को कमी को दूर किया जा सकता है।  इसलिए कहा जाता है कि रविवार को इन रंगों का इस्तेमाल करने पर पराक्रम, प्रतिष्ठा, स्वाभिमान एवं पदों में वृद्धि होती है और आत्मिक विकास अच्छा होता है।  व्यक्ति पर 1 अंक का प्रभाव कम होने पर आंख, हड्डी, हृदय आदि के रोग से ग्रस्त होने की संभावना रहती है।

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Astrology of Colors- अगर किसी की जन्मपत्री में गुरु की स्थिति अच्छी नहीं हो या ईशान कोण में कमी हो या 3 अंक के प्रभाव की कमी हो तो लिवर की बीमारियां, वंश की वृद्धि में कमी, ज्ञान की कमी रहती है। ऐसे में केसर रंग, पीला रंग एवं क्रीम कलर का इस्तेमाल करने से अच्छा प्रभाव हासिल किया जा सकता है।  

जन्मपत्री में राहु कमजोर हो या दक्षिण-पश्चिम की दिशा में दोष हो अथवा 4 अंक का प्रभाव कम हो तो स्यानु-तंत्र से संबंधित बीमारियां, लकवा, पोलियो, कूटनीतिज्ञ ज्ञान की कमी आदि बनी रहती है। ऐसी परिस्थिति में नीले रंग का इस्तेमाल करना चाहिए।  

किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध कमजोर रहे, घर की उत्तर दिशा में दोष हो या 5 अंक का प्रभाव कम रहे तो बुद्धि, विवेक में कमी बनी रहती है। ऐसी स्थिति में वाणी के प्रभाव में भी कमी रहेगी। अत: इन दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए।  

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यदि किसी की कुंडली में केतु की स्थिति कमजोर हो, घर में दक्षिण-पश्चिम दिशा में दोष हो या इस पर 7 अंक का प्रभाव कम हो तो घाव, जख्म, फोड़ा, फुंसी की शिकायत बनी रहती है। अत: इसके निदान के लिए धूसर रंग का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए।
जन्मकुंडली में शनि की स्थिति ठीक नहीं रहे या घर में पश्चिम दिशा में दोष हो या 8 का प्रभाव कम हो तो व्यक्ति को मानसिक अशांति के साथ वात एवं गठिया की शिकायत लगी रहती है। इसके निवारण हेतु काला एवं ग्रे रंग का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए।  

यदि जन्मपत्री में मंगल की स्थिति कमजोर हो या घर की दक्षिण दिशा में दोष रहे या 9 अंक का प्रभाव कम हो तो स्फूर्ति व उत्साह में कमी, अस्थि-मज्जा में विकार देखने को मिलता है। अत: इसके निवारण के लिए चमकीला, गुलाबी, नारंगी रंग का व्यवहार अधिक करना चाहिए।  

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Content Writer

Niyati Bhandari

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