Mahatma Buddha Story: जानिए, महात्मा बुद्ध ने कैसे सिखाया कर्म और धर्म का सच्चा संतुलन

punjabkesari.in Sunday, May 11, 2025 - 12:31 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Mahatma Buddha Story: एक बार भगवान गौतम बुद्ध एक गांव में गए। वहां उनका उपदेश सुनने के लिए हजारों लोग उपस्थित हुए। महात्मा बुद्ध की सभा में गांव का एक गरीब किंतु मेहनती किसान भी उपस्थित हुआ। किसान ने उनको प्रणाम किया। महात्मा बुद्ध का उपदेश सुनने की उसकी बड़ी इच्छा थी, किंतु दुर्भाग्यवश उसका एक बैल गुम हो गया। किसान इसी चिंता में था कि बैल गुम हो गया, साथ ही धर्म संकट भी था कि गुम हुआ बैल ढूंढे या महात्मा बुद्ध का उपदेश सुने।

PunjabKesari Mahatma Buddha Story

अंतत: उसने बैल को ढूंढने का निश्चय किया। काफी ढूंढने के बाद संध्या के समय बैल मिला। बैल घर पहुंचाने के बाद दिन भर का थका व भूखा-प्यासा किसान पुन: सभास्थल पर पहुंचा और उसने बुद्ध देव के प्रवचन सुनने का निश्चय किया। भगवान बुद्ध ने पहले उसके थके-मांदे चेहरे को निहारा और फिर भिक्षुओं से कहा कि इसको भोजन करवाओ।

कृषक के तृप्त होने पर बुद्ध देव ने उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करना शुरू किया। किसान ने एकाग्र होकर उपदेश सुना और वह घर चला गया। उसके चले जाने के बाद बुद्ध देव ने अपने शिष्यों से इस बात की कानाफूसी सुनी कि इस किसान के लिए बुद्ध देव ने विलंब किया।

PunjabKesari Mahatma Buddha Story

बुद्ध देव तब शांत स्वर में बोले,  “भिक्षुकगण, उस किसान को मेरा उपदेश सुनने की बड़ी इच्छा थी लेकिन इससे उसके कार्यों में बाधा आ सकती थी।  अत: वह सुबह मजबूर होकर यहां से लौट गया। वह अपने लोक कर्म के पालन के लिए सारा दिन भटका और काम सम्पन्न होते ही मेरे पास चला आया। 

PunjabKesari Mahatma Buddha Story

यदि मैं उस भूखे को उपदेश देने लगता तो वह उसको ग्रहण नहीं कर सकता था। यह सुनकर शिष्य संतुष्ट हो गए।”

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News