Chinnamasta Jayanti 2023: मां चिंतपूर्णी की जयंती पर केक और पेस्ट्री लाने की अनुमति नहीं, अर्पित किए जाएंगे 56 भोग
punjabkesari.in Friday, Apr 28, 2023 - 09:09 AM (IST)

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ऊना (सुरेंद्र): सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी की जयंती पर इस बार भी 5 मई को भव्य आयोजन किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। 4 मई को मंदिर को भव्य रूप से विशेष प्रकार के पुष्पों से सुसज्जित किया जाएगा। पावन पिंडी की विशेष पूजा-अर्चना और हवन यज्ञ किया जाएगा। माता को विशेष रूप से तैयार किए गए 56 भोग भी अर्पित किए जाएंगे।
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मां चिंतपूर्णी की जयंती पर किसी भी श्रद्धालु को केक और पेस्ट्री लाने की अनुमति नहीं होगी। मंदिर प्रशासन ने भी इसके लिए विशेष व्यवस्थाएं करने की बात कही है। दर्शन पर्ची के समय ही इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि कोई भक्त पेस्ट्री या केक न लाए। आम तौर पर देखा गया है कि कुछ भक्त श्रद्धास्वरूप चॉकलेट, फ्रूटी और कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजें लेकर भी मंदिर आते हैं और इसे मां को अर्पित करते हैं।
चिंतपूर्णी मंदिर पुजारी संघ के अध्यक्ष रविन्द्र छिंदा ने कहा कि 5 मई को चिंतपूर्णी माता की जयंती के लिए तैयारियां शुरू की गई हैं। मां के दरबार में केवल हलवा, ड्राई फ्रूट और फल आदि ही अर्पित करने चाहिएं। मंदिर अधिकारी बलवंत सिंह पटियाल कहते हैं कि पुजारियों से इस संबंध में चर्चा की गई है। श्रद्धालुओं को चाहिए कि जो पौराणिक परम्पराएं हैं, उसी के अनुसार पूजा-अर्चना हो। केवल वही चीजें अर्पित की जाएं जिनकी मान्यता है।
मंदिर की पवित्रता को बनाए रखें श्रद्धालु
पंजाब के जालंधर के श्रद्धालु रमणीक खन्ना ने मंदिर प्रबंधन से आग्रह किया कि मंदिर में पावन पिंडी के लिए केवल फल, ड्राई फ्रूट
, मिठाई एवं हलवा और चने का ही प्रसाद चढ़ाया जाए। पवित्र मंदिर में केवल वही 56 भोग लगाए जाएं जिनकी परंपरा प्राचीन काल से रही है। श्रद्धालु ने भक्तों से भी अपील की है कि वे मंदिर की पवित्रता को बनाए रखें और आधुनिकता की दौड़ में ऐसी चीजें मंदिर में न लाएं जो सही नहीं हैं।
कुछ वर्ष पहले हुआ था विवाद
चिंतपूर्णी मंदिर में कुछ वर्ष पहले जयंती के अवसर पर केक लाए जाने पर विवाद भी हुआ था। इसके बाद इस बात का
विशेष ध्यान रखा जाता है कि केवल उन्हीं मान्यताओं के अनुसार ही पूजा-अर्चना की जाए।