Chhath Puja 2022: छठ पूजा में न करें ये गलतियां मैय्या हो सकती हैं नाराज़
punjabkesari.in Friday, Oct 28, 2022 - 05:16 PM (IST)
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हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म माना जाता है जिसके अनुसार वर्ष के हर महीने में इससे जुडे़े कई प्रमुख त्योहार पड़ते हैं। जिनका हिंदू धर्म के देवी-देवताओं से गहरा संबंध होता है। बात करें चल रहे मास की तो लगभग लोग जानते होंगे कि कार्तिक मास चल रहा है। जिसके लगभग प्रमुख धूम धाम से देश में बीते दिनों मनाए भी गए। इसी कड़ी में अब आ रहा है सूर्य देव को समर्पित छठ पर्व। बता दें आज से यानि 28 अक्टूबर से इस वर्ष का छठ पर्व आरंभ हो गया है। सूर्य देव की उपासना का ये पर्व दिवाली के ठीक 4 दिनों बाद पड़ता है। माना जाता है छठ का पर्व महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों के लिए खास होता है। बहुत कम लोग जानते हैं परंतु ये एक ऐसा व्रत है जोकि पुरुष भी कर सकते हैं। मुख्य रूप से छठ पर्व बिहार व यूपी में मनाया जाता है। लेकिन आज के समय में विदेशों में भी लोग बसे हैं। तो विदेशों में भी इसे धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।

जानकारी के लिए बता दें कि इस पर्व की शुरुआत दो दिन पूर्व चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय से होती है और फिर पंचमी के दिन लोहंडा और खरना होता है। उसके अगले दिन षष्ठी को छठी पूजा मनाई जाती है। इस दिन शाम में सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद सप्तमी को सूर्योदय को अर्घ्य अर्पित करते हैं। छठ पूजा 4 दिनों की होती है।
छठ मैय्या को प्रसन्न करने के लिए व्रतधारी लगातार 36 घंटे का निर्जल व्रत रखते हैं। छठ पूजा बहुत ही विधि-विधान के साथ की जाती है। इस पावन पूजा को करने में बहुत से नियमों का पालन करना होता है। लेकिन कई बार लोग इस पावन पर्व के दौरान कुछ गलतियां कर देते हैं। जिसकी वजह से छठ मैय्या उनसे नाराज हो जाती हैं। तो आज हम आपको आपको छठ पर्व से जुड़ी ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें इस पर्व को दौरान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि इस खास दिन पर क्या नहीं करना चाहिए और क्या करना चाहिए-
व्रती को 4 दिनों तक प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये तामसिक भोजन होते हैं। इसलिए इनसे व्रत करने वाले को परहेज रखना चाहिए।तभी व्रत सफल माना जाता है। इसके साथ ही इस खास पूजा में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। और पूजा करने से पहले या किसी भी चीज को छूने से पहले हाथ जरूर धो लें।

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मान्यता है कि जो लोग व्रत रखते हैं, उन्हें पूरे 4 दिन पलंग या चारपाई पर भूलकर भी नहीं सोना चाहिए। व्रत के दौरान उनको जमीन पर कपड़ा बिछाकर सोना चाहिए। तभी व्रत का फल मिलता है। इस व्रत में सूर्य देव की आराधना की जाती है। और उन्हें अर्घ्य देना बहुत जरूरी माना जाता है। इसलिए छठ पूजा के लिए कभी भी चांदी, स्टील या प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल न करें।
इस दिन भगवान सूर्य नारायण के लिए भोग बनाया जाता है। कहते हैं कि भोग का प्रसाद बनाते समय और भोग बनाने से पहले भी व्रती को कुछ नहीं खाना चाहिए। इसके साथ ही छठ पूजा का प्रसाद बनाने के लिए ऐसी जगह को चुनें। जहां पहले खाना न बनता हो। या फिर प्रयाद बनाने वाली जगह को अच्छे से साफ-सुथरा कर लें और तभी प्रसाद बनाएं।
इस पावन पर्व पर एक बात का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है कि व्रती को साफ-सुथरे। और शुद्ध कपड़े ही पहनने चाहिए। गंदे कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। साथ ही ध्यान रखना चाहिए कि मांस, मदिरा का सेवन न हो। ऐसा करने से आपका व्रत अधूरा माना जाएगा। और छठ मैय्या आपसे रूष्ठ हो जाएंगी।

अगर आपने छठ मैय्या का व्रत रखा है तो भूलकर भी सूर्यदेव को अर्घ्य देने से पहले कोई भी चीज न खाएं।. साथ ही ध्यान रखना चाहिए कि छठ पूजा के दिनों में फलों का सेवन न करें। पूजा समाप्त होने के बाद ही फलों का सेवन करें। छठ पूजा के दौरान अपशब्द और अभद्र भाषा नहीं बोलनी चाहिए। व्रत के चारों दिन लड़ाई नहीं करना चाहिए। यदि कोई लड़ाई कर रहा है तो उस जगह से दूर चले जाना चाहिए। अपने मन को शांत और अधिक से अधिक सकारात्मक ऊर्जा से भरकर रखना चाहिए।
