जानें, श्रीवेंकटेश्वर स्वामी की पूजा में साड़ी और धोती एक साथ पहनाने का राज़
punjabkesari.in Monday, Dec 08, 2025 - 02:30 PM (IST)
दक्षिण भारत के तिरुपति बालाजी मंदिर में विराजमान भगवान श्रीवेंकटेश्वर स्वामी की पूजा और शृंगार की परंपराएं अत्यंत अनूठी और गहन रहस्यों से भरी हैं। एक ऐसी ही विशिष्ट परंपरा है भगवान को धोती और साड़ी दोनों एक साथ अर्पित करने और पहनाने की। यह प्रथा केवल एक रीति नहीं है, बल्कि यह भगवान के उस अद्भुत और सर्वव्यापी स्वरूप को दर्शाती है, जिसे भक्तजन कई सदियों से पूजते आ रहे हैं। तो आइए जानते हैं श्रीवेंकटेश्वर स्वामी की पूजा में साड़ी और धोती एक साथ पहनाने का राज़ के बारे में-

भगवान का अर्धनारीश्वर स्वरूप
तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान श्रीवेंकटेश्वर को साक्षात् भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। हालांकि, मान्यता है कि उनकी वक्षस्थल पर देवी लक्ष्मी स्वयं विराजमान रहती हैं। धोती और साड़ी दोनों को एक साथ पहनाने का विधान यह दर्शाता है कि भगवान वेंकटेश्वर में पुरुष तत्व और शक्ति तत्व दोनों का वास है। यह प्रतीकात्मक रूप से उन्हें अर्धनारीश्वर या एकात्मक स्वरूप प्रदान करता है।
जगत्पिता और जगन्माता का भाव
धोती पहनाकर भक्त उन्हें जगत्पिता के रूप में पूजते हैं, जो सृष्टि के संरक्षक और पालक हैं। वहीं, साड़ी अर्पित करके उन्हें जगन्माता का सम्मान दिया जाता है, जो भक्तों को ममता, करुणा और समृद्धि प्रदान करती हैं। इस प्रकार, भक्त उन्हें संसार के माता-पिता के रूप में पूजते हैं।

संपूर्णता और समावेशिता का प्रतीक
यह परंपरा इस दार्शनिक तथ्य को भी इंगित करती है कि संपूर्ण सृष्टि पुरुष और प्रकृति शक्ति के मेल से बनी है। भगवान वेंकटेश्वर इन दोनों शक्तियों के केंद्र हैं। यह शृंगार परंपरा अति प्राचीन है और यह भगवान के उस स्वरूप को दर्शाता है जो सभी लिंगों और शक्तियों से परे है, फिर भी सब में समाहित है।
अभिषेक और वस्त्र अर्पण की विधि
माना जाता है कि सुबह के समय भगवान को धोती पहनाकर उनका अभिषेक किया जाता है, जबकि शाम के समय आरती के बाद उन्हें साड़ी भी पहनाई जाती है, ताकि उनका दिव्य और पूर्ण स्वरूप भक्तों के सामने प्रकट हो सके। यह अनोखी परंपरा श्रीवेंकटेश्वर स्वामी के मंदिर को विशेष बनाती है और भक्तों को उनके शक्तिशाली और समावेशी स्वरूप के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर देती है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
