संतान सुख की इच्छा पूरी करती हैं चिंडी माता, चींटियों ने तैयार किया था मंदिर का नक्शा

punjabkesari.in Friday, Jan 19, 2024 - 08:17 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Chandi Mata mandir himachal: हिमाचल में करसोग से 13 कि.मी. पीछे शिमला मार्ग पर स्थित चिंडी में माता रानी का यह प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर है। चिंडी माता मंदिर में अति प्राचीन अष्टभुजी मूर्ति स्थापित है। यह मूर्ति पत्थर की बनी हुई है। मान्यता है कि इस मंदिर का नक्शा किसी इंसान ने नहीं, बल्कि चीटिंयों की डोर ने तैयार किया था इसलिए इस मंदिर का नाम चिंडी मंदिर पड़ा।

PunjabKesari chindi mata mandir

चिंडी माता मंदिर की सदियों से लेकर चली आ रही कहानी आज भी बरकरार है। कहा जाता है कि माता कन्या रूप में प्रकट हुई थी। माता ने मंदिर का निर्माण खुद चींटियों की डोर बनाकर किया था। नक्शे की जानकारी माता ने पंडित को स्वप्न में आकर दी थी। उसके बाद नक्शे को देखकर मंदिर बनाया गया था। मंदिर के साथ बने तालाब और भंडार का नक्शा भी चींटियों ने ही बनाया था।

PunjabKesari chindi mata mandir

कहते हैं कि चिंडी माता अपने क्षेत्र को छोड़कर कभी बाहर नहीं गईं, लेकिन जब सुकेत रियासत के राजा लक्ष्मण सेन ने माता को चौखट से बाहर निकालने की कोशिश की तो उसका खामियाजा राजा को भुगतना पड़ा था। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार सुकेत रियासत के राजा लक्ष्मण सेन ने चिंडी माता को सुंदरनगर बुलाने की जिद की थी। कारदारों ने जैसे ही माता को चौखट से बाहर निकाला, उसी समय माता के प्रकोप से अष्टधातु की मूर्ति काली पड़ गई लेकिन इसके बावजूद भी राजा के आदेश के अनुसार माता को ले जाने की कोशिश की गई तो राजा को माता के रौद्र रूप का सामना करना पड़ा। कहा जाता है कि राजा लक्ष्मण सेन अपनी गलती का पछतावा करने खुद दंडवत होकर माता से माफी मांगने मंदिर पहुंचा था।

PunjabKesari chindi mata mandir
मशीनी युग के इस दौर में भी चिंडी माता के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था पहले जैसी ही कायम है। कहते हैं कि जब किसी के यहां संतान प्राप्ति नहीं होती तो ऐसे दम्पतियों को चिंडी माता मंदिर आने पर संतान सुख प्राप्त हुआ है। इसी मान्यता के साथ हजारों श्रद्धालुओं की मंदिर में आने पर मनोकामना पूर्ण होती है, जिसके बाद श्रद्धालु माता का आभार प्रकट करने के लिए मंदिर में भंडारे भी लगाते हैं।

PunjabKesari chindi mata mandir
चिंडी माता साल में दो बार और तीसरे साल में तीन बार ही मंदिर से बाहर निकलती है। चिंडी माता का मेला हर साल 2 से 4 अगस्त को चंकरंठ नामक स्थान पर लगता है। उस दौरान माता तीन दिन के लिए मंदिर से बाहर आती है। इसके बाद क्षेत्र में होने वाले करियाला के समय भी माता मंदिर से बाहर आती है। हर तीसरे साल में माता तीन बार मंदिर से बाहर निकलती है। जब भी माता मंदिर से बाहर आती है, करसोग सहित दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं।

PunjabKesari chindi mata mandir


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News