जिंदगी भर दुखी रहते हैं, जानिये क्या कहते हैं चाणक्य नीति

punjabkesari.in Friday, Oct 23, 2020 - 08:18 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म से जुड़े कई शास्त्र हैं, जिसमें मानव जीवन से जुड़ी बहुत सी बातें लिखी हैं। तो वहीं कई ऐसे भी ग्रंथ और हैं जिनमें ऐतिहासिक बातें वर्णित हैं, साथ ही साथ इनमें जीवन जीने का सरल तरीका आदि उल्लखित है। इन्हीं में से एक है आचार्य चाणक्य का नीति सूत्र जिसे कोई आम शास्त्र नहीं बल्कि किंगमेकर चाणक्य के नाम से भी जाना जाता है। जी हां, इसका कारण है आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई उनकी खास नीतियां। जिसमें उन्होंने मानव जीवन के लगभग हर पहलू के बारे में बात की है। जिसमें हम आज बात करने वाले हैं उनके द्वारा बताए गए उन लोगों के बारे में जो अपने जीवन में कभी खुश नहीं रह पाते। जी हां, बल्कि कहा जाता है ऐसे 4 तरह के लोग होते हैं जीवन भर दुखी ही रहते हैं। तो आईए देर न करते हुए आपको बताते हैं इन कौन से होते हैं वो लोग-

जो व्यक्ति अपने जीवन में किसी से भी कर्ज लेता है चाणक्य नीति में यह कहा गया है कि कर्ज लेने वाला व्यक्ति कुछ देर के लिए बहुत खुशी महसूस करता है कि उसके पास धन आ गया लेकिन उस धन को चुकाने के लिए वह हर पल चिंता में पड़ा रहता है। इसलिए इस दुनिया में कर्जा लेने वाले व्यक्ति से ज्यादा दुखी और कोई नहीं हो सकता है। कर्ज लेने वाला व्यक्ति जीवन भर दुखी रहता है।

हमारी जिंदगी में कुछ ऐसे संबंध होते हैं जिनसे हम बहुत प्रेम करते हैं जब कोई व्यक्ति ऐसे सच्चे रिश्तों को खो देता है तो उसे जिंदगीभर के लिए दुख सहना पड़ता है। क्योंकि सच्चे रिश्ते जिंदगी में बार-बार लौट कर नहीं आते हैं। इसलिए सच्चे रिश्तों को खोने वाला व्यक्ति अपना जीवन उन रिश्तों और उनके साथ बिताए पलों को याद करके दुख में बिता देता है।

जिन लोगों को छोटी उम्र में ही दुनिया की समझ हो जाती है ऐसे लोग जीवन दुख में बिताते हैं। क्योंकि वह छोटी उम्र में ही समझ जाते हैं कि इस दुनिया में खुशियां बहुत कम और दुख बहुत ज्यादा है। इसलिए उनका दुनिया से विश्वास उठ जाता है और वह दुखी रहने लगते हैं। इन लोगों को छोटी उम्र में ही दुनिया, दुनियादारी और यहां के रिश्ते-नातों की गहरी समझ हो जाती है।

जो लोग दूसरों को परखने में कमजोर होते हैं वह बहुत दुखी रहते हैं। परखने में कमजोर लोगों को कदम-कदम पर विश्वासघात का सामना करना पड़ता है। इसलिए जो लोग दूसरों की पहचान करना न जानते हों वह अपना जीवन दुख में ही व्यतीत करते हैं। अगर साथ ही वह कान के कच्चे भी हों यानी दूसरों की बात पर बिना तथ्यों के भी यकीन कर लेते हों तो इन लोगों का दुख कभी खत्म नहीं हो पाता है।


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Jyoti

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