चाणक्य नीतिः नीच लोगों से रहें सतर्क

punjabkesari.in Tuesday, Jul 02, 2019 - 11:52 AM (IST)

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आचार्य चाणक्य हमारे देश के एक ऐसे महान विद्वान रहे हैं जिनकी बताई गई बातें आज भी उतनी ही उचित है जितनी उनके समय में थी। अर्थशास्त्र और राजनीति के पितामाह आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन से प्राप्त अनुभवों का उल्लेख ‘चाणक्य नीति’ में किया। चाणक्य नीति 17 अध्यायों का ग्रंथ हैं। चाणक्य ने अपने ज्ञान और अनुभवों को स्वयं तक न रखकर चाणक्य नीति में लिखकर अपने आने वाली पीढ़ियों को दिया। उनकी नीतियों पर अमल करके व्यक्ति जीवन का परेशनियों से छुटकारा पा सकता है। चाणक्य के अनुसार जो लोगों अपनों और दूसरों के साथ बुरा व्यवहार करते हैं, उनसे हमेशआ दूरी बनाकर रखनी चाहिए। वरना बाद में आपको पछताना पड़ सकता है। 
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विकृतिप्रिया  नीचा:।
अर्थ: विकृतिप्रिय लोग नीचता का व्यवहार करते हैं।

भावार्थ : जो लोग विकृत अर्थात दुष्ट प्रवृत्ति के होते हैं, उनसे नीचतापूर्ण व्यवहार की ही आशा करनी चाहिए। ऐसे लोग सज्जनों को क्लेश ही पहुंचाते हैं। ऐसे लोगों से सतर्क रहना चाहिए।
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