महाभारत और रामायण काल से भी जुड़ा है चमकौर साहिब का इतिहास

punjabkesari.in Tuesday, Dec 24, 2019 - 08:37 AM (IST)

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चमकौर साहिब जिला रूपनगर में पड़ता एक ऐतिहासिक नगर है। किसी समय पर इसका नाम चंपा नगरी भी होता था। इस नगर का इतिहास महाभारत और रामायण काल के साथ जा जुड़ता है। यह राजा द्रुपद की राजधानी थी और द्रौपदी का स्वयंवर भी इसी जगह पर हुआ था। यहां हड़प्पा काल की निशानियां भी मिलती हैं। पहले यह जिला अम्बाला का हिस्सा होता था। यहां दुनिया भर के इतिहास में शायद पहला ऐसा युद्ध हुआ जिसमें एक तरफ पूरे देश की हुकूमत, पहाड़ी राजाओं का टिड्डी दल और इलाके के कट्टर लोग तथा दूसरी तरफ भूख और नींद के सताए मुट्ठी भर सिंह और गुरु गोबिन्द सिंह जी थे। इसके बावजूद सभी सिंहों के हौसले बुलंद थे।

PunjabKesari The history of Chamkaur Sahib is also associated with Mahabharata and Ramayana period

साहिबजादा अजीत सिंह व जुझार सिंह ने किया 10 लाख फौज का मुकाबला
साहिबजादा बाबा अजीत सिंह जी का जन्म पाऊंटा साहिब की पवित्र धरती पर श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के गृह में माता सुन्दरी जी की कोख से तब हुआ था जब श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी ने पाऊंटा साहिब में रहते भंगानी का युद्ध फतह किया था। इसलिए युद्ध जीतने की खुशी में गुरु जी ने साहिबजादा जी का नाम अजीत सिंह रखा।

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बाबा जुझार सिंह जी का जन्म माता जीतो जी की कोख से सन 1747 में हुआ। श्री चमकौर साहिब में 10 लाख फौज का मुकाबला जिस बहादुरी के साथ दोनों साहिबजादों और बाकी के सिंहों ने किया, उसकी मिसाल कहीं नहीं मिलती। 

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Niyati Bhandari

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