Chaitra navratri: चैत्र नवरात्रि पर महाष्टमी और महानवमी पर बन रहा है दुर्लभ संयोग
punjabkesari.in Thursday, Apr 04, 2024 - 11:43 AM (IST)
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Chaitra navratri 2024: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्र को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान माता रानी की पूजा-आराधना जीवन के सारे दुख और कष्ट दूर कर देती है। माना जाता है कि इन 9 दिनों में मां दुर्गा खुद धरती पर विचरण करने आती हैं। इस बार 09 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू होंगे और 17 अप्रैल को इनका समापन होगा। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन कन्या पूजन किया जाता है। इस बार की अष्टमी और नवमी तिथि पर शुभ योगों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। साल 2024 में चैत्र नवरात्र में महाष्टमी और महानवमी की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में साथ ही इन तिथियों पर कौन से शुभ योग बन रहे हैं तो आईए जानते हैं-
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्र में महाष्टमी तिथि की शुरुआत 15 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से होगी और इसका समापन 16 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में महाष्टमी 16 अप्रैल को मनाई जाएगी।
इस बार अष्टमी तिथि पर स्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं। इस योग में किए गए काम बहुत शुभ फल देते हैं।
पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 23 मिनट से होगी और इसका समापन 17 अप्रैल को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट पर होगा। ऐसे में महानवमी 17 अप्रैल को मनाई जाएगी।
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चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि को भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। जो कि अपने आप में भी शुभ योग है। इसके अलावा इस शुभ दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है।
चैत्र नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथियां विशेष महत्व रखती हैं। अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां महागौरी शक्ति और ज्ञान की देवी हैं। इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व है। नौ कन्याओं को भोजन कराया जाता है और उन्हें उपहार दिए जाते हैं। अष्टमी तिथि को हवन करने का भी विशेष महत्व है। हवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों की देवी हैं। नवमी तिथि को कन्याओं को विदाई दी जाती है। नवमी तिथि को नवरात्रि का समापन होता है। अष्टमी और नवमी तिथि अध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण तिथियां हैं। मां दुर्गा की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हवन करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।