Bhadrapada Purnima 2025: कब है भाद्रपद की पूर्णिमा ? जानिए का शुभ मुहूर्त जो बदल सकता है भाग्य
punjabkesari.in Sunday, Aug 31, 2025 - 01:00 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Bhadrapada Purnima 2025: भारतीय पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि को भाद्रपद पूर्णिमा कहा जाता है। यह दिन हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और इस दिन विशेष पूजा-अर्चना, दान-पुण्य और व्रत का विधान होता है। यह पूर्णिमा शास्त्रों में अनेक शुभ घटनाओं और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए विशेष महत्व रखती है।
भाद्रपद पूर्णिमा तारीख और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि की अनुसार 7 सितंबर को सुबह 1 बजे 51 मिनट पर होगी और उसी दिन 7 सितंबर को 11 बजकर 38 मिनट पर इसका समापन होगा। इसके अनुसार 7 सितंबर को पूर्णिमा मनाई जाएगी।
भाद्रपद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
भाद्रपद पूर्णिमा को विशेष रूप से शास्त्रों में पवित्र माना गया है क्योंकि इस दिन पूर्णिमा की चंद्रमा की शक्ति अपने पूर्ण रूप में होती है। यह दिन भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण और कई अन्य देवताओं की पूजा के लिए शुभ होता है। कई जगहों पर इस दिन विभिन्न मेला और त्योहार भी आयोजित होते हैं। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को व्रत, उपवास और धार्मिक अनुष्ठान करने से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। भाद्रपद मास की पूर्णिमा विशेष रूप से शुद्धि, समृद्धि और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक मानी जाती है।
भाद्रपद पूर्णिमा पर पूजा विधि
स्नान और स्वच्छता:
पूजा करने से पहले शुद्ध जल से स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। घर या मंदिर में पूजा स्थल की भी सफाई करें।
पूजा स्थल की तैयारी:
पूजा स्थल पर भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण या इच्छानुसार अपने देवता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। लाल या पीले रंग का वस्त्र पूजन स्थल पर बिछाएं।
दीप प्रज्वलित करें:
गंगा जल या स्वच्छ जल से भगवान की मूर्ति को अभिषेक करें। फिर दीपक जलाएं और आरती करें।
मंत्र जाप और भजन:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय या हरे कृष्ण हरे राम जैसे मंत्रों का जाप करें। भाद्रपद पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और कृष्ण के भजन का भी विशेष महत्व होता है।
दान-पुण्य करें:
इस दिन गरीबों, गरीब महिलाओं, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान करने से बड़ा पुण्य मिलता है। तिल, उड़द की दाल, गड़, फल और कपड़े दान में देना शुभ माना जाता है।