Bhadrapada Amavasya: भाद्रपद अमावस्या पर न करें ये काम, नाराज हो जाएंगे पितृ

punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 08:06 AM (IST)

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Bhadrapada Amavasya 2025: पितरों को प्रसन्न करने के लिए अमावस्‍या तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है। हर माह अमावस्या आती है और इसका अलग-अलग महत्व रहता है। भादो माह की अमावस्या को कुशोत्पतिनी अमावस्या, कुशग्रहणी अमावस्या और  पिठोरी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन पूजा-पाठ, धर्म-कर्म करना विशेष फलदायी है। इस दिन कुछ ऐसे काम हैं, जो करने से न केवल पितरों का आशीष प्राप्त होता है बल्कि जीवन में चल रही समस्याओं से भी राहत मिलती है। इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे काम भी हैं, जिन्हें करने से पितृ नाराज हो जाते हैं।

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What should be done on Bhadrapada Amavasya भाद्रपद अमावस्या पर क्या करना चाहिए
प्रातःकाल पवित्र नदी या घर पर गंगा जल युक्त जल से स्नान करें और अपनी आर्थिक स्थिती को ध्यान में रखते हुए दान करें।
तिल, जल और कुश से पितरों को तर्पण दें।

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संध्या के समय पीपल वृक्ष या नदी तट पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है।

हनुमान जी की पूजा करने से संकट और शत्रु भय समाप्त होते हैं।

गरीबों को भोजन कराएं, ये पितरों को तृप्त करता है और घर में समृद्धि लाता है।

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ॐ नमः शिवाय या ॐ श्री पितृभ्यः नमः मंत्र का जप करना उत्तम है।

पूजा-अर्चना और दान-पुण्य के अलावा घास जरुर एकत्रित करें। देवी-देवताओं और पितरों की पूजा करने के लिए कुशा बहुत खास होती है। कहते हैं कि इस कुशा को साल भर में पितरों के श्राद्ध कर्म के लिए उपयोग किया जाए तो हर कार्य बिना किसी रुकावट के पूरा हो जाता है। कुश के आसन पर बैठकर पूजा करना बहुत शुभ होता है। ऐसा करने से देवी-देवता पूजा जल्दी स्वीकार करते हैं।

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What should not be done on Bhadrapada Amavasya भाद्रपद अमावस्या पर क्या नहीं करना चाहिए
इस दिन झगड़ा-कलह, गाली-गलौज और किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।

घर में मांस-मद्य का सेवन वर्जित है।

कटाई-छंटाई या नए कार्यों की शुरुआत इस दिन शुभ नहीं मानी जाती।

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रात में नकारात्मक प्रवृत्तियों वाले कार्य जैसे निंदा, बुराई, दूसरों को परेशान नहीं करना चाहिए।

इस दिन बाल-कटवाना, नाखून काटना भी अशुभ माना गया है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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