शास्त्रों से: भाग्य में लंबी आयु होने पर भी कुछ गल‌त‌ियां कर देती हैं उम्र कम

punjabkesari.in Wednesday, Nov 02, 2016 - 03:05 PM (IST)

जिस व्यक्ति के तन-मन को कोई रोग नहीं है, उसके पास संसार की सबसे बड़ी दौलत है। निरोगी काया कोई भी सुख भोग सकती है, रोग ग्रस्त शरीर नरक के समान दुख देता है। शास्त्रों में मानव कल्याण के लिए बहुत सारी बातों का वर्णन किया गया है। जिनसे व्यक्ति का संपूर्ण व्यक्तित्व प्रभावित होता है। कुछ लोग अमीर परिवार में पैदा होकर गलत काम करके गरीबी का जीवन जीने को विवश हो जाते हैं वहीं दूसरी ओर गरीब परिवार में पैदा होकर सत्कर्मों से वैभव संपन्न जीवन जीया जा सकता है। उसी तरह भाग्य में लंबी उम्र होने पर भी रोजमर्रा के जीवन में कुछ गल‌त‌ियां करके उम्र कम हो जाती है।

 
* हिंदू शास्त्रों में मांस खाने की मनाही है। किसी बेजुबान की अपने स्वार्थ के लिए हत्या करके उसे खाना कहां तक उचित है। फिर भी बहुत सारे लोग बहुत चाव से मांस खाते हैं। बासी मांस खाना उम्र कम करता है। 

 
* गरुड़ पुराण में कहा गया है रात को दही खाने से सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है और उम्र भी घटती है।

 
* शास्त्र कहते हैं सूर्योदय से पहले बिस्तर को त्याग देना चाहिए। सूर्योदय के बाद सोने से शरीर पर रोग अपना बसेरा बना लेते हैं। सुबह उठकर सूर्य दर्शन करने से शक्त‌ि और उर्जा में वृद्धि होती है। 

 
* शास्त्रों के अनुसार वीर्य की हिफ़ाज़त करनी चाहिए। पौरूष शक्ति वीर्य में होती है जो अधिक मैथुन करने से क्षय हो जाती है। ब्रह्म मुहूर्त में और ज्यादा मैथुन करने से उम्र कम होती है।

 
* सूर्यास्त के वक्त सोना नहीं चाहिए। इससे सेहत तो प्रभावित होती ही है साथ में उम्र भी कम होती है।

 
* च‌िंता च‌िता का द्वार है। जीवन है तो समस्याएं भी आएंगी। च‌िंताओं का डट कर मुकाबला करें अन्यथा वो आपको अंदर से खोखला कर देंगी और आपको चिता तक पहुंचा देंगी।

 
* अपने किसी प्रियजन को अंतिम विदाई देने जाएं तो जल्दी ही वहां से वापिस आ जाएं। श्मशान का धुआं उम्र को कम करता है। श्मशान के पास घर भी नहीं लेना चाहिए। उसी तरह धूम्रपान है जो सेहत और उम्र को हानि पहुंचाता है। 


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