Astrology Prediction For Career: घर बैठे-बैठे मिलेगी जॉब, यूं चुनें अपना रोजगार
punjabkesari.in Tuesday, Feb 28, 2023 - 08:05 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Astrology Prediction For Career: माना जाता है कि हर प्राणी अपने पूर्व कर्मानुसार भाग्य लेकर उत्पन्न होता है। जन्म लेते समय ग्रहों और नक्षत्रों की जो स्थिति होती है वह जातक के जीवन के हर पल का निर्धारण कर देती है और उसे उसी प्रकार शरीर, आयु, धन, विद्या, बुद्धि, पत्नी, संतान, मान-सम्मान, भाग्य, कर्म, लाभ हानि का निर्धारण मिलता जाता है। अत: प्रत्येक जातक के माता-पिता के लिए आवश्यक है कि वे अपने पुत्र एवं पुत्री की जन्म कुंडली अवश्य रखें। बिना कुंडली के भाग्य एवं जीवन के विषय में कुछ भी जाना नहीं जा सकता। इसी के आधार पर यह भी जाना जा सकता है कि बच्चा बड़ा होकर किस रोजगार क्षेत्र में अधिक सफलता अर्जित कर सकता है। जैसे कि अगर कारकांश लग्न में पूर्ण चंद्रमा अथवा शुक्र साथ-साथ हों अथवा लग्न में बैठे हुए शुक्र पर चंद्रमा की दृष्टि हो तो वह जातक अपनी आजीविका अपनी विद्वता से चलाता है।
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ग्रहों में बुध को संवाहक माना गया है, अत: बुध का प्रभावशाली होना डाक विभाग में उच्च पद पर पहुंचाता है। कर विभाग का संबंध आय तथा पैसे की वसूली से है, अत: बुध का शुभ होना लाभ देता है।
अगर धनु लग्न की कुंडली में लग्नेश तथा पंचमेश की युति दशम स्थान में हो तो जातक वकील बनता है। अगर मंगल पराक्रमेश एवं कर्मेश होकर पराक्रम या क्रम स्थान में हो तथा भाग्येश की गुरु के साथ युति अथवा दृष्टि हो तो गुरु शुभ स्थान में स्थित हो तो जातक न्यायाधीश बनता है। मेष या वृश्चिक लग्न की कुंडली में मंगल की दृष्टि लग्न पर हो तथा सूर्य की कर्म स्थान पर दृष्टि अथवा स्थिति हो तथा गुरु की कर्म स्थान पर एवं कर्मेश पर दृष्टि जातक को सफल वकील बनाते हैं। भाग्यस्थ शुक्र तथा सप्तम पर बृहस्पति की दृष्टि होने से जातक फिल्म में संवाद लेखक होता है। भाग्य भाव में कर्क राशि का शुक्र हो तथा चंद्र की दृष्टि हो तो जातक अभिनेता बनने में समर्थ होता है।
लग्नेश लग्नस्थ हो, धनेश धन भाव को देखता हो तथा बुध एवं शुक्र की युति हो और भाग्य स्थान प्रबल हो तो बैंक अधिकारी होता है। अगर गुरु के साथ हो तो जातक अपनी आजीविका अच्छे कार्यों से चलता है। कारकांश लग्न में शुक्र होने पर जातक राज अधिकारी होता है और जीवन भर सभी प्रकार की सुख-सुविधाओं का उपभोग करता रहता है।
वृश्चिक लग्न पर लग्नेश की दृष्टि या कर्म एवं लग्न स्थान पर राशि का प्रभाव राजनीतिज्ञ होने का संकेत देता है। लग्न में तीन या अधिक ग्रहों की स्थिति तथा वाणी भवन पर मगंल का प्रभाव राजनीति की ओर अग्रसर करता है। शनि दशमस्थ हो तथा मंगल एवं सूर्य की युक्ति हो और मंगल की लग्न पर दृष्टि पर कर्म तथा लग्नेश का प्रभाव राजनीतिक में पहुंचा देता है। मंगल एवं पराक्रमेश की युति तथा शनि एवं मंगल की दृष्टि जातक को सफल इंजीनियर बना देती है।