क्या आपने देखी है 16 श्रृगांर किए शनि देव की ये मूर्ति

punjabkesari.in Saturday, Dec 29, 2018 - 04:56 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
इतना तो सब जानते हैं कि शनिवार का दिन सूर्य देव के पुत्र शनि देव को समर्पित है। इसलिए ही लोग बड़े ज़ोरों-शोरों से इस दिन इनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इनसे बुरी नज़र से बचने के लिए और इनके दोषों से छुटकारा पाने के लिए लगभग हर कोई इनके मंदिरों आदि में जाकर इन्हें खुश करने की कोशिश करता है। आज हम आपको इनके ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में ये मान्यता प्रचलित है कि यहां खुद शनि देव प्रगट हुए थे। हम जानते हैं आपको ये जानकर हैरानी होगी लेकिन इंदौर के बारे में यहीं कहा जाता है। तो आइए जानें विस्तार से जानें इस मंदिर के बारे में-

PunjabKesari

वैसे तो शनि मंदिर में महिलाओं के द्वारा पूजा करने पर काफी विरोध होता है लेकिन देश में एक ऐसा मंदिर है जहां महिला और पुरुषों दोनों को पूजा करने में कोई भी भेदभाव नहीं किया जाता। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां पर महिलाएं न सिर्फ शनिदेव को तेल अर्पित करती हैं बल्कि मंदिर की बागडोर महिला पुजारी के हाथों में है।

PunjabKesari

इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि बाकि मंदिरों की तरह यहां शनि देव की काले रंग की प्रतिमा बिना श्रृगांर के नहीं है बल्कि यहां इनकी प्रतिमा का 16 श्रृंगार किया जाता है। माना जाता है कि ये इकलौता ऐसा मंदिर है जहां शनि महाराज स्वयं पधारे थे। यह मंदिर भी स्वनिर्मित है, इसे किसी संस्था या फिर ट्रस्ट द्वारा नहीं बनाया गया है। यहां प्रतिदिन प्रात: दूध और जल से शनि देव का अभिषेक किया जाता है, उसके बाद उनकी प्रतिमा को 16 श्रृंगार से सजाया जाता है। 16 श्रृंगार के बाद शनि महाराज का ये रूप आकर्षक लगने लगता है।

PunjabKesari

मंदिर को लेकर मान्यता है कि मंदिर के स्थान पर करीब 300 साल पहले 20 फीट ऊंचा एक टीला था। जहां पर वर्तमान पुजारी के एक पूर्वज गोपालदास तिवारी रहते थे। उनकी आंखों में रोशनी नहीं थी। एक दिन शनिदेव ने उनके सपने में आकर उन्हें बताया कि टीले के नीचे मेरी प्रतिमा है। गोपालदास देखने में असमर्थ थे तो उन्होंने शनिदेव से कहा, ‘हे प्रभु, मैं तो देखने में असमर्थ हूं। मैं आपकी प्रतिमा को कैसे देख सकता हूं।’

PunjabKesari

मगर शायद भगवान यह बात पहले ही समझ चुके थे। गोपालदास के स्वप्न से जागते ही जैसे ही उन्होंने आंखें खोली तो उनकी आंखों की रोशनी फिर से लौट आई। इस चमत्कार को देखकर आस-पास के लोगों को भी गोपालदास की बात पर यकीन हो गया। उसके बाद सभी ने उस टीले को खोदा और शनि महाराज की प्रतिमा को वहां से निकाला। आज वही प्रतिमा मंदिर में स्थापित है।
2019 में क्या दोबारा PM बन पाएंगे मोदी ? (VIDEO)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News