3 Main Reasons Market Down: औंधे मुंह गिरा बाजार, सेंसेक्स 2226 अंक टूटा, जानें क्या है गिरावट की 3 बड़ी वजह
punjabkesari.in Monday, Apr 07, 2025 - 03:32 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः सोमवार (7 अप्रैल) का दिन शेयर बाजार के लिए Black Monday रहा। शेयर बाजार में आज साल की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट आई। सेंसेक्स 3200 अंक (4.20%) गिरकर करीब 72,150 के स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले 4 जून 2024 को बाजार में 5.74% की गिरावट दर्ज हुई थी। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 2226 अंक गिरकर 73,137 के स्तर पर पहुंच गया जबकि निफ्टी 742 अंक फिसलकर 22,161 के स्तर पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की सभी 30 कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और इंफोसिस के शेयर करीब 10% टूटे, जबकि टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और एलएंडटी में 8% तक की गिरावट दर्ज हुई।
अमेरिकी टैरिफ का असर भारतीय बाजार ही नहीं बल्कि दुनियाभर के शेयर बाजारों पर दिखा है। हर जगह भारी गिरावट देखने को मिली। ऑस्ट्रेलिया, जापान, ताइवान के बाजार में भी भारी गिरावट देखने को मिली।
ट्रंप टैरिफ के बाद शेयर बाजारों में भारी गिरावट
- ऑस्ट्रेलियाई शेयर बाजार में 6.4% की गिरावट
- सिंगापुर एक्सचेंज बाजार 7% से ज्यादा गिरा
- शंघाई क्रूड ऑयल में 7% की गिरावट
- हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स बाजार में 9.28% की गिरावट
- जापान के शेयर बाजार में करीब 20% की गिरावट
- ताइवान स्टॉक मार्केट में 15% की गिरावट
निवेशकों के डूबे 19 लाख करोड़ से ज्यादा
शेयर बाजार में बड़ी गिरावट से निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है। निवेशकों के करीब 19 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा डूब गए। शुक्रवार को जब बाजार बंद हुआ था तो बीएसई का मार्केट कैप 4,03,34,886.46 करोड़ रुपए था, जो सोमवार को 9 बजकर 20 मिनट पर 3,83,95,173.56 करोड़ रुपए रह गया।
बाजार में गिरावट की 3 वजह
ट्रम्प का रेसिप्रोकल टैरिफ: अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। भारत के अलावा चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, साउथ कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगेगा।
चीन की कड़ी प्रतिक्रियाः अमेरिका के टैरिफ का जवाब देते हुए चीन ने शुक्रवार को अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर 34% का जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यह नया टैरिफ 10 अप्रैल से लागू होगा। 3 अप्रैल को ट्रम्प ने यह टैरिफ नीति शुरू की थी, जिसमें चीन को सबसे बड़ा झटका लगा था।
आर्थिक सुस्ती की आशंका बढ़ीः टैरिफ के कारण वस्तुएं महंगी हो जाएंगी, जिससे खपत घटने का खतरा है। इसका सीधा असर वैश्विक आर्थिक गतिविधियों पर पड़ सकता है। मांग कम होने से कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट आई है, जो आर्थिक सुस्ती का संकेत है। इस माहौल ने निवेशकों का भरोसा कमजोर कर दिया है और बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।