Amazon के बाद H-1B वीजा का दूसरा सबसे बड़ा लाभार्थी TCS: अमरीकी आंकड़े

punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 03:40 PM (IST)

वाशिंगटनः अमरीका के संघीय आंकड़ों के अनुसार टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज (टी.सी.एस.) 2025 तक 5,000 से अधिक स्वीकृत एच-1बी वीजा के साथ इस कार्यक्रम की दूसरी सबसे बड़ी लाभार्थी है। इस लिहाज से पहले स्थान पर एमेजॉन है। अमरीकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं (यू.एस.सी.आई.एस.) के अनुसार जून 2025 तक एमेजॉन के 10,044 कर्मचारी एच-1बी वीजा का उपयोग कर रहे थे। दूसरे स्थान पर 5,505 स्वीकृत एच-1बी वीजा के साथ टी.सी.एस. रही। 

अन्य शीर्ष लाभार्थियों में माइक्रोसॉफ्ट (5189), मेटा (5123), एप्पल (4202), गूगल (4181), डेलॉइट (2353), इंफोसिस (2004), विप्रो (1523) और टैक महिंद्रा अमेरिकाज (951) शामिल हैं। 

ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा पर एक लाख अमरीकी डॉलर का चौंका देने वाला वार्षिक शुल्क लगाने की घोषणा की है। ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य कार्यक्रम के ‘व्यवस्थित दुरुपयोग’ को रोकना है। हालांकि, इस फैसले से अमरीका में भारतीय आई.टी. और पेशेवर कर्मचारी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं।

बढ़े हुए एच1बी शुल्क से नए आवेदन कम होंगे, आऊटसोर्सिंग को मिलेगा बढ़ावा: मोहनदास पई

इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (सी.एफ.ओ.) मोहनदास पई ने कहा कि एच-1बी वीजा आवेदकों पर 1 लाख अमरीकी डॉलर का भारी वार्षिक शुल्क लगाने के अमरीकी फैसले से कंपनियों के नए आवेदन कम होंगे। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले महीनों में अमरीका में आऊटसोर्सिंग बढ़ सकती है। 

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अत्यधिक कुशल श्रमिकों के लिए एक लाख डॉलर का वार्षिक वीजा शुल्क लगाया जाएगा। पई ने इस धारणा को खारिज किया कि कंपनियां अमरीका में सस्ते श्रम भेजने के लिए एच-1बी वीजा का इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने कहा कि शीर्ष 20 एच-1बी नियोक्ताओं द्वारा दिया जाने वाला औसत वेतन एक लाख अमरीकी डॉलर से अधिक है। 

उन्होंने अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प के कथन को ‘बेतुकी बयानबाजी’ करार दिया। एक आई.टी. उद्योग विशेषज्ञ ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि भारतीय तकनीकी कंपनियों को हर साल 8,000-12,000 नए स्वीकृतियां मिलती हैं। इसका असर सिर्फ भारतीय कंपनियों पर ही नहीं, बल्कि एमेजॉन, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी वैश्विक तकनीकी दिग्गज कंपनियों पर भी होगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Related News