साल 2030 तक 2 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेंगी Tata और Mahindra समेत दिग्गज वाहन कंपनियां

punjabkesari.in Monday, Jun 17, 2024 - 01:19 PM (IST)

नई दिल्लीः देश के अग्रणी यात्री वाहन निर्माताओं की नजर वॉल्यूम और भविष्य की तकनीक में निवेश पर है, ऐसे में उन्होंने अगले कुछ साल में 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश का खाका तैयार किया है। वाहन दिग्गजों‍ मसलन टाटा मोटर्स (Tata Motors), महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (M&M), मारुति सुजूकी इंडिया (Maruti Suzuki India), ह्युंडै मोटर इंडिया, जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया, निसान मोटर कॉरपोरेशन और रेनो एसए ने उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी, वाहनों के विकास पर बड़े निवेश के अलावा और स्वच्छ व पर्यावरण अनुकूल तकनीक को लेकर प्रतिबद्धता जताई है।

पिछले हफ्ते इलेक्ट्रिक वाहन (EV) में भारत की अग्रणी टाटा मोटर्स ने कहा था कि वह वित्त वर्ष 2030 तक अपनी ईवी इकाई में 16 से 18,000 करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्च की योजना बना रही है। इलेक्ट्रिक वाहन के चार मॉडलों की बिक्री करने वाली कंपनी का इरादा मार्च 2026 तक छह और मॉडल उतारने का है। निवेश की घोषणा ऐसे समय पर हो रही है जब वाहन दिग्गज वित्त वर्ष 30 तक यात्री वाहन बाजार में 20 फीसदी हिस्सेदारी का लक्ष्य लेकर चल रही है और उसे उम्मीद है कि इलेक्ट्रिक वाहन उस समय तक अपने पोर्टफोलियो में 30 फीसदी का योगदान करेगा।

पिछले तीन साल में टाटा मोटर्स के लिए बिक्री दमदार रही

पिछले तीन साल में टाटा मोटर्स (Tata Motors) के लिए बिक्री दमदार रही है और यह वित्त वर्ष 2021-22 के 3.72 लाख के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में 5.41 लाख और वित्त वर्ष 2023-24 में 5.73 लाख वाहन पर पहुंच गई। चूंकि देसी यात्री वाहन बाजार में बाजार हिस्सेदारी को लेकर संघर्ष केंद्र में आ गया है, लिहाजा ज्यादातर कंपनियां ज्यादा उत्पादन क्षमता तैयार करने की कोशिश कर रही हैं। भारतीय यात्री वाहन बाजार वित्त वर्ष 30 तक 60 लाख वाहन पर पहुंचने की संभावना है, जो वित्त वर्ष 24 में 43 लाख रहा है।

कोरियाई वाहन दिग्गज ह्युंडै मोटर (जो भारत में आईपीओ लाने की तैयारी में है) ने अगले 10 साल में 32,000 करोड़ रुपए के निवेश का खाका खींचा है। ह्युंडै मोटर 6,000 करोड़ रुपए का निवेश हाल में अधिग्रहीत तलेगांव स्थित जनरल मोटर्स के प्लांट में करेगी। साथ ही वह तमिलनाडु में उत्पादन क्षमता बढ़ाने, कलपुर्जे, इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण, चार्जिंग स्टेशन और स्किल डेवलपमेंट पर अगले 10 साल में 26,000 करोड़ रुपए निवेश करेगी।

कंपनी ने वित्त वर्ष 24 में भारत में करीब 6.14 लाख वाहन बेचे और भारत में सालाना आधार पर 8.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज्र की। देसी बाजार में 14.6 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली कोरियाई कंपनी का स्थान भारत में मारुति के बाद दूसरा है, जिसके पास 41.7 फीसदी हिस्सेदारी है। सायम के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। मारुति ने साल 2023 में ऐलान किया था कि वह पहली ईवी एसयूवी 2023-24 में उतारेगी। हालांकि अब इसे उतारने की तारीख 2024-25 हो गई है। कुल मिलाकर मारुति का इरादा 2029-30 तक भारत में छह ईवी उतारने का है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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