Silver Cross 2 Lakh: MCX पर चांदी 2 लाख के पार, सोने की चमक भी बढ़ी
punjabkesari.in Friday, Dec 12, 2025 - 02:51 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सोने-चांदी की कीमती में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर चांदी ने पहली बार ₹2 लाख का स्तर पार कर लिया, जबकि सोने में भी अच्छी बढ़त देखने को मिली है। खबर लिखे जाने के समय सोने का भाव 1,33,918 रुपए पर था जबकि चांदी 2,00,040 रुपए पर थी। सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि ग्लोबल मार्केट में भी चांदी ने जबरदस्त छलांग लगाई है। कमजोर डॉलर, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और सप्लाई की कमी ने चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल ला दिया है। COMEX पर भी सिल्वर $64.32 प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई अर्थात घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में चांदी नई ऊंचाइयों पर कारोबार कर रही है।
यह भी पढ़ें: Gold Returns in last 20 years: शेयर-रियल एस्टेट फेल, सोना नंबर 1! Long Term में सबसे ज्यादा रिटर्न
चांदी इतनी ऊपर क्यों गई?
एक्सपर्ट्स के अनुसार इसकी सबसे बड़ी वजह ग्लोबल कीमतों का रिकॉर्ड हाई पर पहुंचना है। 2025 में सिल्वर की कीमतें दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर 60–64 डॉलर प्रति औंस के बीच पहुंच चुकी हैं।
इसके अलावा:
- सप्लाई की कमी (Supply Deficit)
- लगातार 5वें साल सिल्वर मार्केट सप्लाई की कमी झेल रहा है। मांग के मुकाबले सप्लाई बहुत कम है।
इंडस्ट्रियल डिमांड नई ऊंचाई पर
चांदी अब सिर्फ ज्वेलरी मेटल नहीं है। यह ग्रीन और टेक्नोलॉजी दुनिया की सबसे जरूरी धातुओं में बदल चुकी है।
सबसे अधिक उपयोग इन क्षेत्रों में:
- सोलर पैनल
- इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV)
- इलेक्ट्रॉनिक्स
- सेमीकंडक्टर
- 5G
- बैटरी
- मेडिकल उपकरण
उधर माइनिंग आउटपुट बढ़ाना आसान नहीं है क्योंकि चांदी अक्सर कॉपर, जिंक, लेड माइनिंग के दौरान by-product के रूप में निकलती है।
भारत में कीमतें इतनी क्यों बढ़ीं?
भारत में चांदी की कीमतों पर कई घरेलू फैक्टर भी असर डाल रहे हैं:
- रुपए की कमजोरी
- कस्टम ड्यूटी और GST
- फेस्टिव और वेडिंग सीजन की डिमांड
- सिल्वर ETF में तेज निवेश
- गोल्ड की तुलना में चांदी का सस्ता दिखना
जब डॉलर मजबूत हो और रुपया कमजोर, तो घरेलू कीमतें डबल इफेक्ट से और बढ़ जाती हैं।
यह भी पढ़ें: Banking Charges: बैंकिंग चार्जेज पर RBI का बड़ा कदम, Hidden और Overlapping फीस होगी खत्म

