डीमैट फार्म में बदले जाएंगे अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर

punjabkesari.in Saturday, Sep 09, 2017 - 08:34 AM (IST)

नई दिल्लीः काले धन के खिलाफ मुहिम के तहत सरकार अब अनलिस्टेड कंपनियों (जो कंपनियां शेयर बाजार में नहीं हैं) के शेयर भी डीमैट फार्म में रखना अनिवार्य बनाने जा रही है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह बड़ा काम है। पहले सरकारी लिमिटेड कंपनियों के लिए इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी अनलिस्टेड कंपनियों के लिए डीमैट फार्म में शेयर रखना अनिवार्य नहीं, ऑप्शनल है। इस सिलसिले में कंपनी मामलों का मंत्रालय सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ  इंडिया (सेबी) और डिपॉजिटरीज से बात कर रहा है।

देश में 70,000 पब्लिक लिमिटेड कंपनियां अनलिस्टेड 
एक अन्य सूत्र ने बताया कि मंत्रालय ने अनौपचारिक तौर पर इस बारे डिपॉजिटरीज से बात की है। इसकी समय सीमा तय करने और दूसरे मामलों पर अगले हफ्ते पहली औपचारिक बैठक होगी। सेबी के नियमों के मुताबिक सभी लिस्टेड कंपनियों के लिए शेयरों को डीमैट फार्म में करना जरूरी है। देश में 70,000 पब्लिक लिमिटेड कंपनियां अनलिस्टेड हैं और 10 लाख से अधिक प्राइवेट कंपनियों ने कंपनी मामलों के मंत्रालय के पास रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है। इस बारे सुवन लॉ एडवाइजर्स के पार्टनर सुमित अग्रवाल ने बताया कि बंद पड़ी कंपनियों, टैक्स प्रोविजन के दुरुपयोग पर सख्ती और काले धन के खिलाफ  एक्शन के बाद कंपल्सरी डीमैट पॉलिसी से शेयर कहां से कहां गए, इसका पता लगाना आसान हो जाएगा। इससे अनलिस्टेड कंपनियों में इंस्टीच्यूशनल इन्वैस्टमैंट की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। अग्रवाल ने बताया, ‘‘कई ऐसे मामले देखे गए जिनमें अनलिस्टेड कंपनियों के शेयरों की कीमत काफी बढ़ाई गई और उस आधार पर शेयर गिरवी रखकर फंड जुटाया गया। काले धन को सफेद में बदलने के लिए ऐसा किया जाता है। कंपनियों के लिए भी उनका पता लगाना आसान नहीं होता। इन मामलों में कई एफ.आई.आर. भी दर्ज करवाई जा चुकी हैं।’’

देश में 6,000 लिस्टेड कंपनियां 
डीमैट में फिजिकल शेयरों को इलैक्ट्रॉनिक फार्म में बदला जाता है। शेयरों की ट्रेडिंग को ट्रेस करने के अलावा इससे फ्रॉड और इनकी चोरी रोकने में भी मदद मिलती है। देश में डीमैट सिस्टम 1996 में शुरू हुआ था। आज करीब-करीब सभी लिस्टेड कंपनियों के शेयर डीमैट फार्म में हैं। देश में 6,000 लिस्टेड कंपनियां हैं। सरकार ने कुछ ही दिन पहले 2 लाख संदेहास्पद शैल कंपनियों के बैंक खाते सील कर दिए थे। उसने सेबी से 331 संदिग्ध शैल कंपनियों के खिलाफ  एक्शन लेने को भी कहा था। सेबी ने पाया कि सीरियस फ्रॉड इन्वैस्टीगेशन ऑफिस (एस.एफ .आई.ओ.) और कंपनी मामलों के मंत्रालय ने जिन शैल कंपनियों की पहचान की थी उन्होंने शेयर बाजार में लिसिटंग के कई रूल्स तोड़े थे। 


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