Year Ender IPO 2025: 2025 में IPO से 1.76 लाख करोड़ जुटे, अब 2026 पर नजर

punjabkesari.in Tuesday, Dec 23, 2025 - 11:36 AM (IST)

नई दिल्लीः पर्याप्त घरेलू नकदी, मजबूत निवेशक विश्वास और सहायक वृहद आर्थिक कारकों से प्रेरित 2025 में रिकॉर्ड 1.76 लाख करोड़ रुपए जुटाकर रिकॉर्ड स्तर छूने वाले आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार की यह तेजी नए साल में भी जारी रहने की उम्मीद है। वर्ष 2025 की एक बड़ी उपलब्धि स्टार्टअप का सूचीबद्ध होना रहा। इस साल लेंसकार्ट, ग्रोव, मीशो और फिजिक्सवॉला समेत 18 स्टार्टअप सार्वजनिक हुए और संयुक्त रूप से 41,000 करोड़ रुपए से अधिक जुटाए। वहीं, 2024 में स्टार्टअप ने 29,000 करोड़ रुपए जुटाए थे। साथ ही, बिक्री पेशकश (ओएफएस) धन जुटाने की गतिविधियों में प्रमुख बना रहा। इसकी 2025 में जुटाई गई कुल पूंजी में करीब 60 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। बाजार प्रतिभागी 2026 में आईपीओ गतिविधियों को लेकर आशावादी बने हुए हैं। 

इक्विरस कैपिटल के प्रबंध निदेशक एवं निवेश बैंकिंग प्रमुख भावेश शाह ने कहा कि नए साल के लिए आईपीओ का परिदृश्य प्रोत्साहक बना हुआ है जिसे आगामी आईपीओ तथा मजबूत क्षेत्रीय विविधता का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने बताया कि 75 से अधिक कंपनियों को पहले ही भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी मिल चुकी है लेकिन उन्होंने अभी तक अपने निर्गम नहीं शुरू किए हैं जबकि अन्य 100 कंपनियां नियामक स्वीकृति की प्रतीक्षा कर रही हैं। आगामी आईपीओ में प्रौद्योगिकी, वित्तीय सेवाएं, बुनियादी ढांचा, ऊर्जा एवं उपभोक्ता क्षेत्रों के निर्गम शामिल हैं जो व्यापक सहभागिता को दर्शाते हैं। इसमें रिलायंस जियो, एसबीआई म्यूचुअल फंड, ओयो और फोनपे जैसे प्रमुख निर्गमों के शामिल होने की भी संभावना है।

‘आईपीओ सेंट्रल' द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, 2025 में पेश किए गए 103 नए सार्वजनिक निर्गमों ने कुल 1.76 लाख करोड़ रुपए जुटाए। यह 2024 में 90 कंपनियों द्वारा जुटाए गए 1.6 लाख करोड़ रुपए और 2023 में 57 कंपनियों द्वारा जुटाए गए 49,436 करोड़ रुपए से अधिक है। जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज में प्रबंध निदेशक एवं इक्विटी कैपिटल मार्केट प्रमुख नेहा अग्रवाल ने कहा कि मजबूत घरेलू नकदी और टिकाऊ निवेशक विश्वास ने रिकॉर्ड राशि जुटाने में मदद की। इक्विरस कैपिटल के शाह ने कहा कि भारत की वृहद आर्थिक स्थिरता (जिसमें मजबूत जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि, नियंत्रित मुद्रास्फीति तथा पूर्वानुमेय नीतिगत वातावरण शामिल हैं) ने वैश्विक और घरेलू निवेशकों का विश्वास बढ़ाया। यह तेजी हालांकि पूरे वर्ष समान नहीं रही। 

बाजार की अस्थिरता, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की कमजोर भागीदारी और भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच पहले सात महीनों में प्राथमिक बाजार की गतिविधि सुस्त बनी रही। अगस्त से परिस्थितियों में काफी हद तक सुधार आया क्योंकि वृहद आर्थिक चिंताएं कम हुईं, नकदी मजबूत हुई और शेयर बाजार स्थिर हुए जिससे कंपनियों के सूचीबद्ध होने की प्रक्रिया तेज हुई। आनंद राठी एडवाइजर्स के निदेशक एवं ईसीएम निवेश बैंकिंग प्रमुख वी. प्रशांत राव ने कहा कि हालांकि आईपीओ की मात्रा बढ़ी लेकिन कोष जुटाने में झुकाव अधिकतर बिक्री पेशकश की ओर रहा। इस वर्ष सूचीबद्ध हुईं कंपनियों में से केवल 23 ने पूरी तरह से नए पूंजी के माध्यम से धन जुटाया, जिनका औसत निर्गम आकार लगभग 600 करोड़ रुपये रहा। इसके विपरीत, 15 कंपनियों ने केवल बिक्री पेशकश के माध्यम से धन जुटाया और 45,000 करोड़ रुपए से अधिक जुटाए। बाकी कंपनियों ने दोनों का मिश्रण अपनाया जिसमें बिक्री पेशकश की हिस्सेदारी अधिक रही।  


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Content Writer

jyoti choudhary

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