Year Ender 2025: 2025 में शेयर बाजार की तेजी, निवेशकों की संपत्ति में 30.20 लाख करोड़ का इजाफा
punjabkesari.in Tuesday, Dec 30, 2025 - 12:58 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी, शुल्क (टैरिफ) से जुड़ी अनिश्चितताएं, ऊंचे मूल्यांकन और रुपए की कमजोरी जैसी कई चुनौतियों के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने वर्ष 2025 में मजबूती दिखाई। बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स इस साल 8 प्रतिशत से अधिक चढ़ा, जिससे दलाल स्ट्रीट के निवेशकों की संपत्ति में करीब 30.20 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि मजबूत घरेलू निवेशक समर्थन और सुदृढ़ व्यापक आर्थिक स्थिति ने बाजार को सहारा दिया।
इनक्रेड वेल्थ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नितिन राव के अनुसार, विदेशी निवेशकों की निकासी एक बड़ी चुनौती बनी रही लेकिन इसके बावजूद बाजार की मजबूती साफ नजर आई। उन्होंने कहा कि 2025 में भारतीय शेयर बाजार को घरेलू निवेशकों से लगातार समर्थन मिलता रहा, जो इसकी सबसे बड़ी ताकत रहा।
29 दिसंबर तक 8.39% बढ़ा सेंसेक्स
29 दिसंबर तक बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 6,556.53 अंक यानी 8.39 प्रतिशत बढ़ा। एक दिसंबर को इसने 86,159.02 अंक का सर्वकालिक उच्च स्तर भी छुआ। इस दौरान बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 30,20,376.68 करोड़ रुपए बढ़कर 4,72,15,483.12 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो करीब 5,250 अरब डॉलर के बराबर है।
एनरिच मनी के सीईओ पोन्मुदी आर. ने कहा कि 2025 भारतीय शेयर बाजार के लिए समेकन और बदलाव का वर्ष रहा। कई वर्षों तक दोहरे अंकों के मजबूत रिटर्न के बाद इस साल सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 8–10 प्रतिशत की सीमित लेकिन स्थिर बढ़त देखने को मिली, जो वैश्विक प्रतिकूलताओं के बीच उल्लेखनीय है।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने बताया कि घरेलू मोर्चे पर कमजोर कॉरपोरेट आय वृद्धि, ऊंचे मूल्यांकन, रुपये की कमजोरी और विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी से बाजार की धारणा सतर्क बनी रही। वहीं, वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव, शुल्क से जुड़ी अनिश्चितताएं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को लेकर बदलती उम्मीदों ने भी बाजार को प्रभावित किया।
विदेशी निवेशकों ने की निकासी
विदेशी निवेशकों ने 2025 में भारतीय शेयर बाजार से रिकॉर्ड 1.6 लाख करोड़ रुपए (करीब 18 अरब डॉलर) की निकासी की। इसके बावजूद घरेलू निवेशकों का भरोसा बना रहा। स्टॉक्सकार्ट के सीईओ प्रणय अग्रवाल के अनुसार, मजबूत आर्थिक वृद्धि, सरकार के पूंजीगत व्यय और घरेलू निवेशकों के निरंतर निवेश ने बाजार को सहारा दिया।
इस साल रिकॉर्ड संख्या में आए आईपीओ ने भी बाजार को मजबूती दी। प्रमुख आईपीओ में टाटा कैपिटल का 15,512 करोड़ रुपये का निर्गम सबसे बड़ा रहा। इसके अलावा एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज, लेंसकार्ट सॉल्यूशंस और बिलियनब्रेंस गैराज वेंचर्स के आईपीओ भी चर्चा में रहे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज बनी देश की सबसे मूल्यवान कंपनी
बाजार पूंजीकरण के लिहाज से रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी रही, जिसका बाजार पूंजीकरण 20.91 लाख करोड़ रुपए रहा। इसके बाद एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, टीसीएस और आईसीआईसीआई बैंक शीर्ष पांच कंपनियों में शामिल रहीं।
एसबीआई सिक्योरिटीज के मौलिक शोध प्रमुख सनी अग्रवाल ने कहा कि 2020–24 के मजबूत रिटर्न के बाद 2025 औसत की ओर लौटने और समेकन का साल रहा। साल की पहली तिमाही में गिरावट के बाद अप्रैल से बड़ी कंपनियों में धीरे-धीरे रिकवरी देखने को मिली।
