Year Ender: 2025 में हुआ बड़ा बदलाव! निवेशकों की पहली पसंद बना सेंसेक्स, स्मॉल-मिडकैप फिसले
punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 04:51 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः वर्ष 2025 में भारतीय शेयर बाजार का रुझान असमान रहा। जहां बड़ी कंपनियों के शेयरों ने निवेशकों को स्थिर और बेहतर रिटर्न दिया, वहीं स्मॉलकैप और मिडकैप शेयर पिछड़ते नजर आए। पिछले दो साल की तेज रैली के बाद ऊंचे मूल्यांकन और मुनाफावसूली का असर खास तौर पर छोटी और मझोली कंपनियों पर दिखा।
आंकड़ों के मुताबिक, 24 दिसंबर 2025 तक बीएसई मिडकैप इंडेक्स में सिर्फ 0.77 फीसदी की मामूली बढ़त दर्ज की गई, जबकि बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 6.68 फीसदी टूट गया। इसके उलट सेंसेक्स 9.30 फीसदी की मजबूती के साथ निवेशकों की पहली पसंद बना रहा। इससे साफ है कि अनिश्चित वैश्विक माहौल में निवेशकों ने सुरक्षित माने जाने वाले बड़े शेयरों का रुख किया।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों का कमजोर प्रदर्शन ‘मार्केट नॉर्मलाइजेशन’ का नतीजा है। 2023 और 2024 में इन शेयरों ने असाधारण रिटर्न दिए थे, जिससे कई कंपनियों के दाम उनकी वास्तविक आय से काफी ऊपर चले गए थे। 2025 में उसी असंतुलन में सुधार देखने को मिला।
एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर. के मुताबिक, 2024 में स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स ने सेंसेक्स से कहीं ज्यादा रिटर्न दिया था लेकिन उसी तेज उछाल की कीमत 2025 में चुकानी पड़ी। इसके अलावा रुपए की कमजोरी, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर अनिश्चितता और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने जोखिम से बचने की प्रवृत्ति को बढ़ाया। इसका सबसे ज्यादा असर उन्हीं शेयरों पर पड़ा जो तरलता और फंडिंग के लिहाज से ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा गिरावट के बाद कई गुणवत्ता वाले मिडकैप शेयर अब आकर्षक मूल्यांकन पर आ गए हैं। अगर रुपये में स्थिरता आती है और कंपनियों की कमाई में सुधार होता है, तो आने वाले समय में चुनिंदा स्मॉल और मिडकैप शेयर निवेशकों को फिर मौके दे सकते हैं।
