Salary Hike in 2026: नौकरीपेशा के लिए अच्छी खबर, सैलरी हाइक को लेकर बड़ा अपडेट, इतने % हो सकती है बढ़ोतरी

punjabkesari.in Friday, Dec 26, 2025 - 11:49 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत में कामकाजी लोगों के लिए राहत की खबर है। साल 2026 में भी कंपनियां कर्मचारियों की सैलरी में औसतन 9 फीसदी तक बढ़ोतरी कर सकती हैं। यह बढ़ोतरी 2025 के स्तर के आसपास ही रहने की संभावना है। यह जानकारी मर्सर के टोटल रिम्यूनरेशन सर्वे में सामने आई है, जिसमें देश की 1,500 से ज्यादा कंपनियों को शामिल किया गया।

इन सेक्टर्स में मिल सकती है सबसे ज्यादा सैलरी हाइक

सर्वे के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग, इंजीनियरिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर में सबसे ज्यादा सैलरी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इन सेक्टर्स में 2026 के दौरान औसतन 9.5 फीसदी तक इंक्रीमेंट का अनुमान जताया गया है। इसके अलावा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) में भी करीब 9 फीसदी की सैलरी बढ़ोतरी संभव है।

क्यों स्थिर बना हुआ है सैलरी बढ़ोतरी का ट्रेंड?

मर्सर इंडिया की रिवार्ड्स कंसल्टिंग लीडर मालती के.एस. के अनुसार, भारत में सैलरी बढ़ोतरी का यह स्तर एक संतुलित आर्थिक माहौल को दर्शाता है। अर्थव्यवस्था स्थिर बनी हुई है, लेकिन कंपनियां खर्च को लेकर सतर्क रुख अपना रही हैं। इसके साथ ही टैलेंट मार्केट में ठहराव देखा जा रहा है और नौकरी छोड़ने की दर (एट्रिशन) भी अब नियंत्रण में है।

रिवार्ड और इंसेंटिव पर बढ़ा जोर

सर्वे में यह भी सामने आया है कि कंपनियां अपने रिवार्ड स्ट्रक्चर में बदलाव कर रही हैं। अब लॉन्ग-टर्म बेनिफिट्स के बजाय शॉर्ट-टर्म इंसेंटिव और परफॉर्मेंस-बेस्ड रिवॉर्ड्स पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है, ताकि बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को प्रेरित किया जा सके और उन्हें लंबे समय तक कंपनी से जोड़े रखा जा सके।

भर्ती को लेकर कंपनियां सतर्क

2026 को लेकर हायरिंग के मोर्चे पर भी कंपनियां सावधानी बरत रही हैं। 2024 में जहां 43 फीसदी कंपनियां नए कर्मचारियों की भर्ती की योजना बना रही थीं, वहीं 2026 में यह आंकड़ा घटकर 32 फीसदी रहने का अनुमान है। इसके अलावा करीब 31 फीसदी कंपनियां अभी अपनी भर्ती रणनीति को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं कर पाई हैं, जो भविष्य को लेकर बनी अनिश्चितता को दर्शाता है।

घट रही है नौकरी छोड़ने की दर

एक और सकारात्मक संकेत यह है कि कर्मचारियों के बीच नौकरी छोड़ने की दर लगातार घट रही है।

  • स्वैच्छिक एट्रिशन 2023 में 13.1% थी
  • 2025 की पहली छमाही में यह घटकर 6.4% रह गई
  • वहीं, जबरन छंटनी की दर भी घटकर 1.6% पर आ गई है

कुल मिलाकर, 2026 में सैलरी बढ़ोतरी भले ही बहुत ज्यादा न हो लेकिन यह स्थिर और संतुलित रहने की उम्मीद है। कंपनियां खर्च पर नियंत्रण रखते हुए अच्छे टैलेंट को बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही हैं, जिससे कर्मचारियों के लिए एक ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद माहौल बनता दिख रहा है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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