अप्रैल में हुआ रिकॉर्ड GST कलेक्शन मगर आयात पर मिलने वाले टैक्स में आई 5% की कमी

punjabkesari.in Saturday, May 06, 2023 - 01:16 PM (IST)

नई दिल्लीः इस साल अप्रैल में वस्तु एवं सेवा कर संग्रह रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया लेकिन विदेश में घटी मांग व जिंस की कम कीमत का कर संग्रह पर असर पड़ा है। यह आयातित वस्तुओं पर लगे एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST) के संग्रह से उजागर होता है।

इस मद में साल 2023-24 के पहले महीने में बीते साल की तुलना में 4.7 फीसदी की गिरावट आई। इस वित्त वर्ष के पहले महीने में IGST मद में 34,772 करोड़ रुपए आए हैं, जबकि बीते साल की इसी महीने में 36,705 करोड़ रुपए मिले थे। आयातित वस्तुओं पर IGST में गिरावट की वजह मार्च महीने में आयात में कमी भी है। मार्च में वस्तुओं का आयात करीब 8 फीसदी गिरकर 58.11 अरब डॉलर पर आ गया था। अप्रैल का जीएसटी संग्रह मार्च की आर्थिक गतिविधियों के मुताबिक होता है।

उदाहरण के तौर पर भारत में आयात होने वाले कच्चे तेल की कीमत मार्च में 30.4 प्रतिशत घटकर 78.54 डॉलर प्रति बैरल रह गई, जो एक साल पहले 112.87 डॉलर प्रति बैरल थी। इसी के मुताबिक कच्चे तेल और उसके उत्पादों का आयात एक साल पहले की तुलना में करीब 24 प्रतिशत गिरकर मार्च 2023 में 16.1 अरब डॉलर रह गई।

अप्रैल में घरेलू कारोबार पर IGST 19.8 फीसदी बढ़कर 54,186 करोड़ रुपए हो गया, जिस पर जिंसों की कीमत में कमी का असर नजर आ रहा है। एक राज्य से दूसरे राज्य में वस्तुओं के कारोबार पर IGST लगता है। हालांकि वस्तुओं के आयात पर लगने वाले उपकर पर जिंसों की कीमत में कमी का कोई असर नहीं पड़ा है। यह अप्रैल में 5 फीसदी से थोड़ा अधिक बढ़कर 901 करोड़ रुपए हो गया। यह एक साल पहले 857 करोड़ रुपए था।

एयरेटेड पेय पदार्थों और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुओं जैसे सिगरेट, ऑटोमोबाइल आदि पर अधिकतम 28 प्रतिशत जीएसटी के ऊपर उपकर लगाया जाता है। यह कर कुछ विशेष वस्तुओं के आयात पर लगाया जाता है, इसलिए इससे मिलने वाला कर मामूली होता है।

दरअसल वस्तुओं के आयात पर उपकर मार्च महीने में 2 प्रतिशत से कुछ ज्यादा गिरकर 960 करोड़ रुपए रहा था। बहरहाल यह साल में पहली बार हुआ है, जब आयात पर IGST घटा है। दिसंबर 2022 से डॉलर के हिसाब से वाणिज्यिक आयात में कमी आ रही है। फरवरी में गिरावट 8.19 प्रतिशत थी, जो मार्च के 7.89 प्रतिशत की तुलना में ज्यादा थी।

दिसंबर से मार्च 2022-23 के बीच आयात पर IGST में गिरावट नहीं आई लेकिन वृद्धि दर पहले के महीनों के 2 अंकों की तुलना में घटकर 1 अंक में रह गई। इसकी वजह यह है कि इन महीनों में आयात में कोई कमी नहीं आई और पहले के वर्ष में कोविड के असर के कारण कम आधार भी था।


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Content Writer

jyoti choudhary

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