बैंकिंग क्षेत्र की प्रतिक्रिया: RBI के फैसले से बढ़ेगी कर्ज की मांग, अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट
punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 05:51 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में 0.50% और नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में 1% की कटौती के फैसले को बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों ने एक "साहसिक और समय पर उठाया गया कदम" बताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे खुदरा, कृषि और MSME क्षेत्रों में कर्ज की मांग बढ़ेगी और पूंजीगत व्यय को बढ़ावा मिलेगा।
क्या बोले बैंकों के प्रमुख अधिकारी?
Ajay Kumar Srivastava, CEO, इंडियन ओवरसीज बैंक ने कहा, “CRR में कटौती से बैंकिंग सिस्टम में 2.5 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी आएगी। इससे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में कर्ज विस्तार संभव होगा, जो समावेशी विकास को बल देगा।”
Binod Kumar, CEO, इंडियन बैंक ने कहा, “यह फैसला खुदरा, कृषि और MSME सेक्टर के लिए सकारात्मक है। कम ब्याज दरें और अच्छा मानसून, दोनों मिलकर कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करेंगे।”
Tribhuvan Adhikari, CEO, LIC हाउसिंग फाइनेंस ने इसे "मुद्रास्फीति नियंत्रित रखते हुए तेज आर्थिक वृद्धि की दिशा में मजबूत कदम" बताया। उनका मानना है कि इससे घर खरीदने वालों की क्षमता बढ़ेगी।
Sakshi Gupta, मुख्य अर्थशास्त्री, HDFC बैंक ने कहा, “रेपो और CRR में कटौती से कुल मांग को बल मिलेगा लेकिन रुख अब 'उदार' से 'तटस्थ' की ओर बढ़ सकता है। संभव है कि 2025 में और कटौती न हो।”
John Muthoot, CMD, मुथूट फिनकॉर्प ने कहा, “RBI की नीति समावेशी विकास की दिशा में विवेकपूर्ण और समयानुकूल कदम है। इससे बैंकिंग सिस्टम में तरलता बढ़ेगी और कोष की लागत घटेगी।”
बैंकिंग सेक्टर में उम्मीद की लहर
रेपो रेट 5.5% पर आ गई है, जो फरवरी 2025 से अब तक कुल 1% की कटौती है। CRR में एक प्रतिशत की कटौती से बैंकों को अधिक कर्ज देने की क्षमता मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी और खासकर ग्रामीण व लघु व्यवसायिक क्षेत्रों में विकास तेज होगा।