रेलवे के फर्स्ट एसी किराए में खत्म होगी छूट!

punjabkesari.in Saturday, Feb 06, 2016 - 11:02 AM (IST)

नई दिल्लीः रेलवे फर्स्ट एसी किरायों में सीनियर सिटिजन एवं अन्य कैटिगिरी में मिलने वाली छूट को खत्म करने पर विचार कर रहा है।

 

अभी वरिष्ठ नागिरकों समेत विभिन्न कैटिगिरी के लोगों को फर्स्ट एसी कोच में किराए पर 50 फीसदी तक की छूट मिलती है। रेल बजट से पहले मंत्रालय में इस प्रस्वाव को लेकर मंथन चल रहा है, हालांकि राजनीतिक नेतृत्व की ओर से इसे मंजूरी मिलने पर ही यह फॉर्म्युला अमल में आ सकेगा।

 

रेलवे अपनी कमाई को सुधारने के लिए संघर्ष कर रहा है। पुराने होते इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए भी रेलवे के पास फंड की कमी है, ऐसे में वह इस तरह की स्कीमों को खत्म कर ही अपने खजाने में कुछ इजाफा करने की रणनीति पर काम कर रहा है। इसके अलावा बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित करने पर भी सरकार का ध्यान है। छूट पर टिकट बेचने की वजह से रेलवे को हर साल करीब 1,400 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है। रेलवे 53 कैटिगिरी के लोगों को टिकटों पर छूट देता है, इनमें विक्लांग, कलाकार, खिलाड़ी, स्वतंत्रता सेनानी एवं उनकी विधवाएं, डॉक्टर, वरिष्ठ नागरिक और पत्रकार भी शामिल हैं।

 

हालांकि फर्स्ट एसी में किरायों में छूट से रेलवे को होने वाले नुकसान का कोई सटीक आंकड़ा नहीं है। सूत्रों के अनुसार रेलवे फर्स्ट एसी में सफर पर दी जाने वाली इन छूटों को वापस लेने पर विचार कर रहा है। हालांकि अब तक इसे बंद करने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। ट्रेन के एसी फर्स्ट क्लास में यात्रा करना कई बार विमान यात्रा से भी महंगा साबित होता है लेकिन सीनियर सिटिजन के लिए यह एक बेहतर विकल्प है क्योंकि उन्हें भारी छूट मिल जाती है। इस तरह से वे सेकंड एसी के किराये में फर्स्ट एसी में सफर करते हैं। ऐसे में सीनियर सिटिजंस के लिए यह यात्रा का बेहतर विकल्प रहा है।

 

रेलवे के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ''यदि कोई वरिष्ठ नागरिक प्रथम श्रेणी में यात्रा के खर्च को वहन कर सकता है तो फिर उन्हें छूट क्यों दी जाए।'' एक अन्य अधिकारी ने कहा बीते कई सालों से रेलवे सामाजिक सरोकारों पर अपने खर्च को बढ़ा रहा है। लेकिन इसके कुल लागत का अनुमान कभी हीं लगाया गया। लेकिन अब रेलवे कमर्शल लाइन पर चलने की तैयारी में है। अफसर ने कहा कि किरायों में भारी छूट और मुफ्त यात्रा जैसी सुविधाओं ने रेलवे को आर्थिक तौर पर बड़ी चपत लगाई है। अब समय आ गया है, जब इस तरह की छूटों को वापस लिया जाए।


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