ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को कर नोटिस की तैयारी, 80 फर्मों पर ​शिकंजा

punjabkesari.in Monday, Sep 25, 2023 - 11:41 AM (IST)

नई दिल्लीः कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की क​थित चोरी के लिए कर नोटिस मिल सकता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार करीब 80 ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को 10 से 12 हजार करोड़ रुपए की कथित जीएसटी चोरी के लिए नोटिस भेजे जाएंगे। नोटिस तब भेजे जा रहे हैं, जब 1 अक्टूबर से प्रभावी होने वाली नई कराधान व्यवस्था के तहत मूल्यांकन नियमों में बदलाव किया गया है। इसमें तय कर दिया गया है कि हरेक गेमिंग सत्र के लिए शुरुआत में लगाए गए कुल दांव पर 28 फीसदी कर लगाया जाएगा।

अ​धिकारी ने कहा, ‘जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) की जांच शाखा इन ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को नए मूल्यांकन के आधार पर नोटिस जारी कर रही है। इनमें देसी और विदेशी दोनों गेमिंग कंपनियां शामिल हैं। नए आकलन के अनुसार कुल कर चोरी 31,000 करोड़ रुपए से अधिक है।’

इन गेमिंग कंपनियों ने क​थित तौर पर अपनी कुल गेमिंग आय पर 28 फीसदी कराधान से बचने की को​शिश की। इसमें वास्तविक रकम वाली गेमिंग के जरिए सट्टेबाजी भी शामिल है। अधिकारी ने कहा, ‘फिलहाल 22,000 करोड़ रुपए की कर मांग के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं और बाकी के लिए तैयारी चल रही है।’

इसमें बेंगलूरु की ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को सितंबर 2022 में भेजा गया 21,000 करोड़ रुपए का कर नोटिस भी शामिल है। अप्रत्यक्ष कर के इतिहास में इस तरह का यह सबसे बड़ा दावा था। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उस नोटिस को ​खारिज कर दिया था। बाद में राजस्व विभाग ने उसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने इस महीने के आरंभ में उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई इस महीने के अंत या अगले महीने के आरंभ में करने का फैसला किया था।

इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के अन्य मामलों के लिए नजीर बन सकता है। डीजीजीआई ने ऑनलाइन गेमिंग फर्मों के अलावा करों का भुगतान न करने वाली कसीनो कंपनियों पर भी सख्ती दिखाई है। पिछले सप्ताह डेल्टा कॉर्प पर भी दांव की कुल रकम पर जीएसटी का भुगतान न करने का आरोप लगा था। विभाग ने उसे ब्याज और जुर्माने के साथ 11,139 करोड़ रुपए का कर नोटिस भेजा है। कंपनी का कहना है कि वह इसे चुनौती देने के लिए सभी उपलब्ध कानूनी उपायों का सहारा लेगी।

कुल गेमिंग आय पर कर का भुगतान न करने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इसलिए जिन मामलों की जांच हो चुकी है, उनमें नोटिस को स्पष्ट करने की जरूरत है। साथ ही यह भी स्पष्ट करने की जरूर है कि उनमें शुरुआती दांव को आधार बनाया जाएगा या नहीं। नए नियम के तहत स्पष्ट किया गया है कि उपयोगकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन गेमिंग के लिए चुकाई रकम के कुल मूल्य पर कर लगाया जाएगा। इससे कौशल और अवसर वाले खेल के बीच कोई अंतर नहीं होगा। अ​धिकतर मामलों में इस पर विवाद है।

नए नियम के तहत ‘ऑनलाइन मनी गेमिंग’ की नई परिभाषा दी गई है। इसमें कौशल और अवसर दोनों पर आधारित गेम में कर वसूला जाएगा। ऑनलाइन गेमिंग को ‘इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के जरिए खेले जाने वाले गेम’ के रूप में परिभाषित किया गया है। इसमें ऑनलाइन मनी गेमिंग भी शामिल है। अधिकारी ने कहा, ‘1 अक्टूबर से प्रभावी होने वाले बदलावों के संबंध में अलग से अधिसूचना जारी की जा सकती है।’

गोवा, सिक्किम और दिल्ली सहित कुछ राज्यों की असहमति के बावजूद जीएसटी परिषद ने अपनी जुलाई की बैठक में बिना वोटिंग के ही सबसे अ​धिक कर लगाने का निर्णय लिया था क्योंकि अ​धिकतर राज्य इसके लिए सहमत थे। संसद ने शीतकालीन सत्र के दौरान नई कराधान व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने के लिए केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी दे दी।


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Content Writer

jyoti choudhary

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