महंगा हो सकता है Swiggy-Zomato से खाना ऑर्डर करना, GST काउंसिल में होगा फैसला

punjabkesari.in Wednesday, Sep 15, 2021 - 01:30 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः ऑनलाइन फूड डिलीवरी आने वाले दिनों में महंगी हो सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 17 सितंबर 2021 को जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक होगी। बैठक में ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप Swiggy-Zomato को जीएसटी के दायरे में लाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। कमेटी ने फूड डिलीवरी एप्स को कम से कम 5 फीसदी जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश की है। ऐसे में ग्राहकों को स्विगी, जोमैटो, आदि से खाना मंगाना महंगा पड़ सकता है। इस एजेंडे में पवन चक्कियों, सोलर पावर डिवाइस, मेडिसिन, कार्बोनेटेड पेय भी शामिल हैं।

यह भी पढ़ें- अगस्त में निर्यात 46% बढ़कर 33.28 अरब डॉलर, व्यापार घाटा 4 महीने के हाई पर पहुंचा 

एक जनवरी 2022 से हो सकता है प्रभावी  
2019-20 और 2020-21 में दो हजार करोड़ रुपए के जीएसटी घाटे का अनुमान लगाते हुए, फिटमेंट पैनल ने सिफारिश की है कि फूड एग्रीगेटर्स को ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के रूप में वर्गीकृत किया जाए और संबंधित रेस्तरां की ओर से जीएसटी का भुगतान किया जाए। कई रेस्तरां जीएसटी का भुगतान नहीं कर रहे हैं, जबकि कुछ पंजीकृत भी नहीं हैं। रेट फिटमेंट पैनल ने सुझाव दिया है कि यह बदलाव एक जनवरी 2022 से प्रभावी हो सकता है।

यह भी पढ़ें- त्योहारी सीजन में SBI ने दी बड़ी राहत, ब्याज दरों में की कटौती

पेट्रोलियम पदार्थ भी आ सकते हैं जीएसटी के दायरे में 
इसके साथ ही एक या एक से अधिक पेट्रोलियम पदार्थों- पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (विमान ईंधन) को भी जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। केरल हाईकोर्ट की ओर से पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के निर्देश के बाद जीएसटी परिषद के समक्ष यह मामला शुक्रवार को लाया जाएगा।  

यह भी पढ़ें- एक लीटर से कम कंटेनर में बिकने वाले नारियल तेल पर लग सकता है 18% GST 

इन मुद्दों पर भी हो सकती है चर्चा 
कोरोना वायरस महामारी की आशंकाओं के बीच जीएसटी परिषद की यह 45वीं बैठक बेहद अहम है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बैठक में अन्य चीजों के अतिरिक्त कोविड-19 से संबंधित आवश्यक सामान पर रियायती दरों की समीक्षा की जा सकती है। इसके साथ ही इस बैठक में राज्यों को राजस्व नुकसान पर मुआवजे पर भी चर्चा हो सकती है। कोविड-19 की दूसरी लहर से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। जनता पर महंगाई का बोझ भी बढ़ा है। ऐसे में वित्त मंत्री की अगुवाई में होने वाली यह बैठक बेहद अहम है।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Related News