50 हजार से अधिक कैश ट्रांजैक्‍शन पर टैक्स लगाने का कोई निर्णय नहींः दास

punjabkesari.in Thursday, Feb 09, 2017 - 05:21 PM (IST)

नई दिल्लीः आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने आज कहा कि डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार रुपए से अधिक की नकद निकासी पर कर लगाए जाने के संबंध में अभी सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। श्री दास ने उद्योग संगठन एसोचैम की वार्षिक बैठक में कहा कि इस मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में गठित मुख्यमंत्रियों की समिति की अंतिम सिफारिशों की समीक्षा की जा रही है लेकिन सरकार ने बैंकों से तय सीमा के उपर नकद निकासी पर कर लगाने के बारे में कोई फैसला नहीं किया है।

अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर में हो सकता है बढ़ावा
उन्होंने बताया कि सरकार रिपोर्ट की बारीकी से जांच कर रही है और अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अगर इस संबंध में निर्णय लिया गया तो सरकार जरुर ही इसकी घोषणा करेगी। श्री दास ने कहा कि वित्तीय घाटा तेजी से कम हो रहा है। उन्होंने कहा, सरकारी खर्च की जरुरत तथा वित्तीय समेकन का संतुलन जरुरी है। सरकार पर कुछ वित्तीय बंधन है और सरकार के लिए रातोंरात कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 25 फीसदी करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि सरकार के विभिन्न नीतिगत उपायों के बाद अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत से अधिक रह सकती है।

सरकार का जोर ईमानदारों को सम्मानित करने पर
श्री दास ने कहा कपड़ा उद्योग, चमड़ा उद्योग, जूता उद्योग तथा इसी तरह के अन्य उद्योगों में नीतिगत पहल तथा सुधार करके बुनियादी ढांचे में अधिक निवेश के जरिए अधिक रोजगार सृजन पर हमारा विकास आधारित होगा। कराधान पर उन्होंने कहा कि सरकार इस बात पर प्रतिबद्ध है कि कर प्रशासन कर प्रदाता के लिए अनुकूल हो। सरकार का जोर ईमानदार को सम्मानित करने पर है। राजस्व विभाग, सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ऐसे कई कदम उठा रहे हैं, जिससे कोई सत्ता का दुरुपयोग न करे। इस दिशा में कर अधिकारियों की वार्षिक परफार्मेंस रिपोर्ट और कर अधिकारियों के द्वारा पारित आदेश पर वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेजे जाते हैं।

विकास पर अधिक खर्च करने की जरुरत
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्रों को भी इस दिशा में सख्त कदम उठाने चाहिए। सरकार की तरफ से कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन मेरी राय में निजी क्षेत्र तथा उद्योगों को भी ऐसे कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। श्री दास ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर कहा कि भारत को अपने बाजार तथा कम लागत वाली विनिर्माण क्षमता का इस्तेमाल करके घरेलू विनिर्माण सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा, हमें अपनी प्रौद्योगिक क्षमता बढ़ाने के लिए शोध तथा विकास पर अधिक खर्च करने की जरुरत है।


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