बढ़त के साथ बंद हुआ बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी में तेजी, ये 10 शेयर बने रॉकेट

punjabkesari.in Monday, May 26, 2025 - 03:31 PM (IST)

मुंबईः भारत के जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का असर सोमवार को भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला है। हफ्ते के पहले कारोबार दिन आज यानी सोमवार (26 मई) को शेयर बाजार में तेजी रही। सेंसेक्स करीब 455 अंक चढ़कर 82,176 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी करीब 148 अंक की तेजी रही, ये 25,001 के स्तर बंद हुआ है।

ये 10 शेयर सबसे तेज भागे

शेयर बाजार में तेजी के बीच खबरे लिखे जाने तक बीएसई सेंसेक्स की 30 लार्जकैप स्टॉक्स में से 29 में तेजी के साथ कारोबार हो रहा था। इस बीच 10 सबसे ज्यादा भागने वाले शेयरों पर नजर डालें, तो M&M Share (2.74%), Tata Motors Share (2.10%), Titan Share (1.50%), NTPC Share (1.30%), ICICI Bank Share (1.29%) की उछाल के साथ कारोबार कर रहा था। इसके अलावा मिडकैप कैटेगरी में Suzlon Share (5.11%) और RVNL Share (3.50%) चढ़कर ट्रेड कर रहा था। स्मॉलकैप कैटेगरी में Godavari Biorefineries Share (12.20%), Control Print Share (12%) और Tarsons Share (9%) की छलांग लगाकर कारोबार कर रहा था। 

एशियाई बाजार में मिलाजुला कारोबार

  • एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई करीब 250 अंक ऊपर 37,400 और कोरिया का कोस्पी 32 अंक (1.26%) ऊपर 2,624 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
  • हॉन्गकॉन्ग के हैंगसेंग इंडेक्स में 250 अंक (1.02%) की गिरावट है, ये 23,360 पर है। चीन का शंघाई कंपोजिट 10 अंक (0.30%) नीचे 3,340 पर कारोबार कर रहा है।
  • 23 मई को अमेरिका का डाउ जोन्स 256 अंक गिरकर 41,603 पर, नैस्डेक कंपोजिट 188 अंक (1%) नीचे 18,737 पर और S&P 500 भी 39 अंक (0.67%) गिरकर 5,802 पर बंद हुआ।

23 मई को विदेशी निवेशकों ने 1,795 करोड़ के शेयर खरीदे

23 मई को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने कैश सेगमेंट में ₹1,794.59 करोड़ की खरीदारी की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹299.78 करोड़ की खरीदारी की।

मई महीने में अब तक FIIs की कुल नेट खरीदारी ₹12,191.61 करोड़ और DIIs की ₹34,497.56 करोड़ रही है। इससे पहले अप्रैल 2025 में, FIIs ने कुल ₹2,735.02 करोड़ और DIIs ने ₹28,228.45 करोड़ की नेट खरीदारी की थी।

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी बाजार में लगातार मजबूत हो रही है, जबकि विदेशी निवेशकों की भागीदारी में भी धीरे-धीरे सुधार देखा जा रहा है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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