सामने आ सकते हैं कई बड़े बैंक डिफॉल्टर के नाम, CIC का RBI गर्वनर और PMO को नोटिस
Tuesday, Nov 13, 2018 - 12:25 PM (IST)
नई दिल्लीः नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या और विक्रम कोठारी जैसे कई बड़े बैंक डिफॉल्टर्स के नाम सामने आ सकते हैं, जो अब तक बैंकों की आड़ में बचे हुए थे। दरअसल, कई प्राइवेट बैंकों की ओर से विलफुल डिफॉल्टर्स के नामों की लिस्ट जारी नहीं की गई थी, जिससे इनका नाम पब्लिक में नहीं आया है, लेकिन अब सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमीशन (CIC) ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर उर्जित पटेल और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को विलफुल डिफॉल्टर्स के नाम का खुलासा करने के लिए नोटिस जारी किया है। चीफ इन्फॉर्मेशन कमीशन ने राइट टू इन्फॉर्मेशन एक्ट के तहत पूछा है कि आखिर क्यों अब तक डिफॉल्टर्स की लिस्ट नहीं जारी की गई। आरबीआई को 26 नवंबर तक नोटिस का जवाब देना है।
बता दें कि अब तक पब्लिक सेक्टर के केवल चार ही बैंकों ने ऐसे डिफॉल्टर के नामों का खुलासा किया गया है। इसमें से 1814 ऐसे विलफुल डिफॉल्टर्स हैं, जिनके पास बैंकों के कुल 41716 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं। डेक्कन हेराल्ड की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग प्रत्येक बैंक में डिफॉल्टर हैं और इन बैक के टॉप 10 डिफॉल्टर के पास ही कुल बकाया का आधे से ज्यादा पैसा फंसा हुआ है।
PNB का सबसे ज्यादा अमाउंट फंसा
डिफॉल्टरों के पास सबसे ज्यादा अमाउंट पीएनबी का 23,469 करोड़ रुपए फंसा हुआ है। वहीं, आईडीबीआई के 6490.60 करोड़ रुपए और बैंक ऑफ बड़ौदा के 6260.67 करोड़ रुपए फंसे हैं, जबकि सिंडिकेट बैंक के 937 करोड़ रुपए डिफॉल्टर्स के पास हैं। अगर सबसे ज्यादा विलफुल डिफॉल्टर्स की बात करे, तो इसमें भी 1124 डिफॉल्टर के साथ पीएनबी पहले स्थान पर है। इसके बाद 219 डिफॉल्टर्स के साथ सिंडिकेट बैंक और 177 के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा का नंबर आता है।
ये हैं देश के सबसे बड़े डिफॉल्टर्स
पीएनबी का कुल 23500 करोड़ रुपए फंसा हुआ है। इसमें से मेहुल चोकसी के पास 30.6 फीसदी यानी 7187.7 करोड़ रुपए है। Rotomac के चीफ विक्रम कोठारी बैंक ऑफ बड़ौदा के सबसे बड़े डिफॉल्टर हैं, जिन पर बैंक का 456.6 करोड़ रुपए बकाया है। विजय माल्या पर 17 बैंकों का 8,191 करोड़ रुपए बकाया है। 11,400 हजार करोड़ का पीएनबी घोटाला देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला है। इसका मुख्य आरोपी नीरव मोदी है। 30 सितंबर, 2017 के आंकड़ों के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर के बैंकों की ओर से 9000 अकाउंट होल्डर्स को 1.1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन दिया गया है।