चेतावनी! नियमों का पालन नहीं करने वाले बैंकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी
punjabkesari.in Monday, Sep 16, 2024 - 12:17 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार बैंकों के लिए जुर्माना बढ़ाने पर विचार कर सकती है, यदि वे नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने जानकारी दी कि सरकार इस सिलसिले में नियामक प्रणाली की समीक्षा कर सकती है, जिसके लिए बैंकिंग विनियमन (बीआर) अधिनियम 1949 और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अधिनियम 1934 में संशोधन किया जा सकता है।
अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “वर्तमान में जुर्माना राशि बहुत कम है। हम इस पर नियामक के साथ चर्चा करेंगे और प्रावधानों में संशोधन की संभावनाओं पर विचार करेंगे।” मौजूदा व्यवस्था में, रिजर्व बैंक बीआर अधिनियम की धारा 46 और 47 ए समेत अन्य प्रावधानों के तहत जुर्माना लगा सकता है, जो नियामकीय दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर लगाया जाता है।
कितनी होगी जुर्माना राशि
फिलहाल जुर्माना राशि उल्लंघन की गंभीरता पर निर्भर करती है और यह 1 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक हो सकती है। लगातार उल्लंघन पर अधिक जुर्माना और कारावास की सजा भी हो सकती है। रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा, “जुर्माना इतना होना चाहिए कि संस्थाएं या व्यक्ति अपने तरीके सुधारें। जुर्माना बड़ा होने पर ही इसका प्रभावी परिणाम दिखेगा। समय-समय पर जुर्माना राशि की समीक्षा की जानी चाहिए ताकि वह महंगाई और आय बढ़ने के कारण मामूली न रह जाए।”
इकनॉमिक लॉ प्रैक्टिस के वरिष्ठ वकील और बैंकिंग तथा आईबीसी प्रैक्टिस के प्रमुख मुकेश चंद ने कहा, “जुर्मानों की अधिकतम सीमा बड़ी वित्तीय संस्थाओं के लिए पर्याप्त नहीं होती। बार-बार उल्लंघन या अपराध के मामलों में यह विशेष रूप से सच है। बीआर अधिनियम और आरबीआई अधिनियम के तहत जुर्माना राशि शायद इतनी अधिक नहीं होती कि वह बड़े बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर असर डाल सके।”
इसके अलावा, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और अन्य कानूनों के तहत भी रिजर्व बैंक को जुर्माना लगाने का अधिकार है। चंद ने सुझाव दिया कि नियामक को जुर्माने के बजाय अनुपालन प्रणाली और प्रतिष्ठा से जुड़े परिणामों पर ध्यान देना चाहिए। वित्त वर्ष 2024 में, रिजर्व बैंक ने 281 जुर्माने लगाए, जिनकी कुल राशि 86.1 करोड़ रुपए थी। चंद ने अन्य देशों के नियामकों की ओर इशारा किया, जो वित्तीय जुर्मानों पर निर्भरता कम कर रहे हैं और अधिक सख्त अनुपालन रेटिंग व्यवस्था अपनाकर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।