टैरिफ वॉर थमा तो बढ़ी दोस्ती, LPG डील से घरेलू बाजार में सस्ती हो सकती है गैस!
punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 11:43 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर जारी तनाव कम होने के साथ ही दोनों देशों के रिश्तों में फिर गर्माहट लौट आई है। इसी सकारात्मक माहौल में दोनों देशों के बीच एलपीजी आयात को लेकर एक बड़ा करार हुआ है। इससे घरेलू बाजार में एलपीजी की कीमतों में गिरावट की संभावना भी जताई जा रही है।
भारत ने अमेरिकी कंपनियों के साथ वर्ष 2026 के लिए 22 लाख टन प्रतिवर्ष एलपीजी आयात का समझौता किया है, जो भारत के कुल वार्षिक आयात का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा पूरा करेगा। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, यह करार ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका व्यापारिक बातचीत में पहले से अधिक लचीला रुख दिखा रहा है और भारतीय कृषि उत्पादों पर अपनी कड़ी शर्तें भी नरम कर चुका है।
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कौन-कौन सी भारतीय कंपनियां इस करार में शामिल?
भारत की सरकारी तेल कंपनियां- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने संयुक्त रूप से यह आयात अनुबंध साइन किया है। इस समझौते के तहत 2026 में अमेरिका के खाड़ी तट क्षेत्र से एलपीजी की सप्लाई सीधे भारतीय पोर्ट तक भेजी जाएगी। यह अनुबंध केवल एक वर्ष के लिए है लेकिन रणनीतिक रूप से इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि भारत की घरेलू जरूरतों की तुलना में उत्पादन बढ़ने की गति धीमी रही है और आयात पर निर्भरता लगातार बढ़ती जा रही है।
भारत में बढ़ती LPG खपत और आयात
भारत में एलपीजी की खपत हर साल तेज़ी से बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में एलपीजी आयात 2.01 करोड़ टन था, जो 2024 में बढ़कर 2.05 करोड़ टन हो गया। देश में कुल खपत करीब 3.1 करोड़ टन है और भारत अपनी जरूरत का लगभग 66 फीसदी एलपीजी विदेशों से लाता है। मध्य पूर्व देश इस आयात के सबसे बड़े स्रोत हैं। पिछले वर्ष यूएई से 81 लाख टन, कतर से 50 लाख टन, कुवैत से 34 लाख टन और सऊदी अरब से 33 लाख टन एलपीजी आयात किया गया। साल 2025 की शुरुआत में आयात में कुछ सुस्ती देखी गई थी लेकिन अनुमान है कि पूरे वर्ष में कुल खपत 3.2 करोड़ टन तक पहुंच सकती है। ऐसे में अमेरिका से 22 लाख टन अतिरिक्त आपूर्ति को ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से बड़ा कदम माना जा रहा है।
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देश में LPG उत्पादन की स्थिति
घरेलू उत्पादन की बात करें तो वित्त वर्ष 2024 में भारत में 1.3 करोड़ टन एलपीजी का उत्पादन हुआ था, जो कुल खपत का केवल 42 प्रतिशत है। वहीं आयात का स्तर 67 प्रतिशत तक पहुँच गया है। वित्त वर्ष 2025 के शुरुआती महीनों में हर महीने लगभग 10 लाख टन एलपीजी का उत्पादन हो रहा है। इंडियन ऑयल देश में सबसे अधिक उत्पादन करने वाली कंपनी है लेकिन मांग के मुकाबले उत्पादन की रफ्तार अभी भी कम है। पिछले एक दशक में उत्पादन में 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है लेकिन मांग में 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी ने आयात पर निर्भरता और बढ़ा दी है।
सरकार ने वर्ष 2030 तक घरेलू एलपीजी उत्पादन को कम से कम 15 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए ऑयल इंडस्ट्री डेवलपमेंट फंड के जरिए 17,700 करोड़ रुपए निवेश करने की योजना बनाई गई है। सरकार का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में उत्पादन में हर साल करीब 3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जिससे आयात निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
